Gidhaur.com | पटना - आनंदशाला ने पटना के ‘चाणक्य इन’ में प्रेस मीटिंग का आयोजन किया जहाँ श्री आकाश सेठी, क्वेस्ट अलायन्स के एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर और श्री अमिताव नाथ, राज्य के मुख्य अधिकारी मिडिया को समस्तीपुर जिले के सरकारी विद्यालयों में चल रहे, आनंदशाला कार्यक्रम से अवगत करवाया। वो कार्यक्रम के अंतःक्षेप और योजना पर भी इस आयोजन में चर्चा की। उन्होंने बताया कि आनंदशाला क्वेस्ट अलायन्स के शिक्षा से जुड़े कई अभियोज्नाओं में से एक है। ये बिहार एजुकेशन प्रोजेक्ट कौंसिल, एस.एस.ए. बिहार के साथ नजदीकी स्तर पर जुड़ा कार्यक्रम है जिसके जरिये विद्यालयों को एक रोचक, सीखने का स्थान बनाया जाता है। ये सुनिश्चित करता है कि बच्चे विद्यालय में रहें, गतिविधियों में भाग ले, और स्कूलों में सीखते रहे। छात्रों, शिक्षकों और अभिभावकों के बीच ये बेहतर सम्बन्ध स्थापित करने में मदद करता है। आनंदशाला के जरिये बच्चों की भाषा क्षमता का विकास होता है और शिक्षा और अपने स्कूल से उनका जुड़ाव बढ़ता है जो कि एक खुले और रचनात्मक विकास में मददगार है। आनंदशाला पर आगे चर्चा करते हुए उन्होंने बताया कि पक्षसमर्थन और क्षमताओं के विकास के जरिये ये एक जागरूक और उत्तरदायी शिक्षण व्यवस्था तैयार करने का प्रयास है। उन्होंने बताया कि आनंदशाला प्रयासरत रहती है ताकि, कुछ ख़ास सरकारी नीतियों का कार्यान्वयन बेहतर शिक्षण के लिए अच्छे तरीके से हो सके। सन 2012 से शुरू कर के आनंदशाला कार्यक्रम ने 1000 सरकारी स्कूलों की मदद की है और इसकी पहुँच 400,000 से ज्यादा स्कूल के बच्चों तक समस्तीपुर जिले में है। आनंदशाला पर बात करते हुए उन्होंने बताया की राज्य, जिला, ब्लाक, संकुल और स्कूल के स्तर पर इस कार्यक्रम से 4000 शिक्षकों और 1000 हेड मास्टरों पर इसका असर हुआ है | आनंदशाला का उद्देश्य है कि एक ऐसी संस्कृति तैयार की जा सके जिसके जरिये शिक्षक और स्कूल अपने अच्छे काम को औरों से बाँट सकें और उसे व्यापक समर्थन और प्रोत्साहन मिले जिस से बेस्ट प्रैक्टिस से और लोग भी फायदा उठा सकें। उन्होंने आगे बताया कि “आनंदशाला गोष्ठी” एक ऐसा मंच है जहाँ सभी शिक्षकों को वर्ष में एक बार, जिला स्तर पर मिलने और शिक्षा की गुणवत्ता, कई हितधारकों के पक्ष के बारे में जानने समझने के अलावा अन्य विद्यालयों के अच्छे काम और शिक्षकों के योगदान की भी चर्चा करने का मौका मिलता है। इस उद्देश्य के साथ आनंदशाला में इस बार आनंदशाला गोष्ठी का आयोजन 6 अगस्त, 2017 को किया गया और इसी में सर्वोत्तम प्रथाओं के लिए शिक्षकों और स्कूलों को “शिक्षारत्न पुरस्कार” भी दिया गया। अच्छी परम्पराओं को पहले स्कूलों में ब्लाक स्तर पर स्थानीय बी.ई.ओ. के नेतृत्व में एक समिति द्वारा चुना गया और उनके साथ मिलकर जिला स्तर पर डी.पी.ओ. / डी.ई.ओ. की अध्यक्षता में समिति ने 10 स्कूलों को बेहतरीन उपायों के लिए पुरस्कार के लिए चुना। आकाश ने ये भी कहा कि शिक्षारत्न पुरस्कार अच्छे काम और बेहतरीन उपायों को अपनाने, और उनकी तलाश जारी रखने के लिए शिक्षकों को प्रोत्साहित करेगा। सम्मान-पुरस्कारों और जानकारी साझा करने के लिए होने वाले सालाना कार्यक्रम से अच्छे प्रयास लोगों के सामने आ सकेंगे और दुसरे सभी स्कूल एवं शिक्षकों को भी ऐसे प्रयासों के लिए प्रोत्साहन मिलेगा। मूल उद्देश्य ये है कि शिक्षा जगत की चुनौतियों पर से चर्चा को हटा कर अच्छे प्रयासों और कामयाबी की चर्चा पर मोड़ा जा सके ताकि अच्छे उपायों को अपनाने की संस्कृति पनपे और शिक्षा की गुणवत्ता बढ़े। पहले से ही मौजूद शिक्षकों, स्कूल और प्रशासनिक तंत्र के बीच की खाली जगह में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा और बेहतर उपायों को अपनाये और प्रोत्साहित किये जाने के प्रयास को आनंदशाला गोष्ठी के जरिये संस्थागत बनाने का प्रयास किया जाता है। ये समुदायों को अपने स्थानीय नेतृत्व को पहचानने में और स्कूल को गुणवत्तापूर्ण शिक्षण के अपने अच्छा काम करने वालों की पहचान में भी मददगार होता है। इन स्कूलों और शिक्षकों को इस बार पुरस्कृत करेंगे विधान सभा के स्पीकर माननीय श्री विजय कुमार चौधरी; श्री प्रणव कुमार, भा.प्र.से., डी.एम. समस्तीपुर शिक्षाविद और सामाजिक कार्यों के अन्य हितधारकों, राज्य के शिक्षा विभाग के अधिकारीयों, समस्तीपुर जिले के शिक्षा अधिकारीयों, ब्लाक और संकुल स्तर के अधिकारी, शिक्षक और छात्रों की भी कार्यक्रम में उपस्थिति रहेंगे।
(अनूप नारायण)
पटना | 06/08/2017, रविवार
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