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कानफाड़ू डीजे वाले बाबू के आवाज से लोग परेशान


गिद्धौर प्रखंड क्षेत्र में सुप्रीम कोर्ट के आदेशों की धज्जियां उड़ाते हुए रात 10 बजे बाद भी तेज आवाज में कानफाड़ू डीजे की आवाज कानों तक आने का सिलसिला बदस्तूर अभी तक जारी है। त्योहारों व शादियों का मौसम शुरू होते ही ऊंची आवाज वाले डीजे बजने शुरू हो जाते हैं। आलम यह है कि देर रात 12 बजे के बाद भी विवाह समारोहों में डीजे की आवाज को कई सौ मीटर तक सुना जा सकता है। नियमानुसार रात्रि 10 बजे के उपरांत डीजे बजाने पर पाबंदी तो लगाई जाती है पर लोगों द्वारा बेरोक-टोक देर रात तक डीजे बजाए जाते हैं।

जानकारी देते चलें कि गिद्धौर एवं आसपास के इलाकों में पारंपरिक बैंड-बाजे की जगह डीजे साउंड का बढता प्रचलन कानूनी नियमों की खुले आम धज्जियां उड़ रहा है। डीजे साउंड का इतना प्रचलन बढ़ गया है कि शादी-विवाह, मुंडन, पूजा, संकीर्तन या कोई भी धार्मिक अथवा उत्सव में धड़ल्ले से उपयोग किया जा रहा है। डीजे साउंड के तेज हर्ट्ज वाले आवाज लोगों को ह्रदय और मानसिक रोगी बना देता है। ऊपर से डीजे मे बजने वाले द्विअर्थी संगीत अप-संस्कृति को बढ़ावा दे रहा है। डीजे के मनमाने प्रयोग से गिद्धौर एवं आसपास के क्षेत्र के लोग परेशान तो हो ही रहे हैं साथ ही डीजे के इस शोर ने बच्चों की पढ़ाई मे रूकावट पैदा कर रहा है। एक ओर इसे लेकर प्रशासन की उदासीनता पर लोग चकित हैं परन्तु दूसरी तरफ प्रश्न यह उठता देर रात तेज आवाज वाले डीजे बजाने पर रोक होने के बावजूद भी इससे संबंधित अधिकारी मौन हैं।


(अभिषेक कुमार झा)
~गिद्धौर           |           06/07/2017, गुरुवार
www.gidhaur.com 

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