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क्या सात निश्चय से बदलेगा बिहार!

बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अपने ख्वाबों को मुकम्मल करने लिए "सात निश्चय योजना" को  धरातल पर उतारकर युवाओं के सपनों को नयी उड़ान दी है। बिहार सरकार ने इस बार शिक्षा पर सबसे ज्यादा खर्च का प्रावधान कर यह संकेत दिया है कि बिहार के शैक्षणिक माहौल को लेकर देश भर में जिस तरह की बातें होती रही हैं, उनके विपरीत राज्य को शैक्षणिक स्तर पर देश का सरताज बना देना है। यह योजना नई सोच के साथ कई आयाम और खुशियों की सौगात लेकर आई है। इससे गिद्धौर के युवा छात्रों को उम्मीद है कि आने वाले समय में शिक्षा के साथ रोजगार के भी अवसर बढ़ेंगे।
माननीय मुख्यमंत्री के सात निश्चय राज्य के विकास की पहली प्राथमिकता में शामिल है, जिसमें आर्थिक हल युवाओं को बल, आरक्षित रोजगार, महिलाओं का अधिकार, हर घर बिजली, हर घर नल का जल, घर तक पक्की गली और नालियां, शौचालय निर्माण, घर का सम्मान और अवसर बढ़े, सब पढ़ें-आगे बढ़ें को शामिल किया गया है।
इस योजना के आईने में सरकार की नेक-नीयत को देखा जा सकता है, जो पूरी तरह स्पष्ट है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के ‘‘सात निश्चय’ को पूरा करने की प्रतिबद्धता और झलक साफ तौर पर परिलक्षित होती है।
इस योजना से गिद्धौर के साथ-साथ पूरे बिहार का ध्यान "सात निश्चय" पर केंद्रित हो गया है। पाठकों को बताते चलें कि बिहार की सामाजिक व्यवस्था सामंतवादी रही है, और इसकी काट पूंजीवादी तरीके से ही हो सकती है। यही कारण है कि सरकार के बजट में युवाओं और पढ़े-लिखे जमात को आर्थिक तौर पर मजबूत बनाने की चिंता है।
समय बताएगा कि सात निश्चय की बारिश से रोजगार के बाढ़ आते हैं या बेरोजगारी का सूखाड़ देखना पड़ेगा। 

(यह आलेख अभिषेक कुमार झा द्वारा www.gidhaur.blogspot.com के लिए लिखी गई मूल रचना है)
~गिद्धौर      |      21/05/2017, रविवार 

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1 टिप्पणियाँ

  1. अब बिहार में भी भाजपा सरकार आएगी तभी बिहार बदलेगा।

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