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मूलभूत सुविधाओं से वंचित है मौरा पंचायत

गिद्धौर प्रखंड अंतर्गत बसा मौरा पंचायत आज अपने मूलभूत समस्याओं से जूझ रहा है। इस घनी आबादी क्षेत्र के स्थानीय प्रतिनिधियों द्वारा इसे आदर्श पंचायत बनाने के कई प्रयास किए गए पर मापदंड पर खरा नहीं उतरने के कारण मौरा को आदर्श पंचायत का दर्जा नहीं मिल पाया। चाहे वह शिक्षा या विकास की बात हो अथवा आपराधिक घटना की, यह पंचायत सदैव अखबार और समाज के सुर्खियों में रहा है। मौरा पंचायत की मुख्य समस्या में एक बिजली की समस्या तो अब समाप्त हो गयी, पर अभी भी सड़क, स्वच्छ पेयजल, सिंचाई व्यवस्था नदारद है। मौरा पंचायत के सड़क की स्थिति तो जर्जर है ही इसके अतिरिक्त इस पंचायत के हर घर में शौचालय निर्माण का नारा मौरा वासियों को छलावा सा लगने लगा है।एक निकाले गये आँकड़े के अनुसार अभी मौरा गांव के 80 % घरों में शौचालय नहीं है। सिंचाई के लिए गाँव के किसानों को बिजली अथवा बरसात के भरोसे रहना पड़ता है। 

स्वास्थ्य केन्द्र तो बहुत दूर की बात है, बस यूँ समझ लीजिए की स्वास्थ्य व्यवस्था के नाम पर सिर्फ खानापूर्ति की जाती है। जनवितरण प्रणाली एवं विद्यालय की स्थिति भी काफी गंभीर है। विद्यालय सही समय पर नहीं खुलते हैं। बेरोजगारी भी इस पंचायत की मुख्य समस्या में से एक है। इस पंचायत के सैकड़ों युवक बाहर काम करते हैं। पंचायत के लोग विकास के मामले में उपेक्षित महसूस कर रहे हैं। मौरा मे आहर हो या पोखर का निर्माण ठीक ढंग से नहीं हो सका है। विद्यालय में शिक्षक अपनी मनमानी के अनुसार कार्य कर रहे हैं। आज भी मौरावासियों को मूलभूत सुविधाओं से परिपूर्ण न किया गया तो इस  पंचायत के विकास का पहिया थम जाएगा।
ये हैं समस्याएं :-
-होते रहते हैं अप्रिय घटना
-नहीं हैं स्वच्छ पेयजल की व्यवस्था
-बदतर  है  सड़क  की  स्थिति
-80 % घरों  में नहीं  है शौचालय
-स्वास्थ्य केन्द्र से है वंचित
-अनियमित हैं विद्यालय और विद्यार्थी
-सुस्त हैं जनवितरण प्रणाली
-बेरोजगारी में पलायन करते हैं युवा
-शून्य है आहार और पोखर की संख्या

(रोहित  कुमार झा, मौरा)
~गिद्धौर     |     21/05/2017, रविवार

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