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शराबबंदी : चोरी-छिपे छलक रहे हैं जाम



जाम अब भी छलक रहे हैं। शीशे अब भी टकरा रहे हैं। लेकिन ये सबकुछ हो रहा है चोरी-छिपे। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार द्वारा जहाँ ठीक एक वर्ष पूर्व राज्य में पूर्ण शराबबंदी को सख्ती से लागू किया गया एवं इसे धरातल पर वास्तविकता में लाने के लिए कृत संकल्पित होकर प्रयासरत हैं तो वहीं दूसरी ओर गिद्धौर में  साठगांठ कर स्थानीय शराब माफियाओं द्वारा शराब के शौकीन लोगों को पिछले कई दिनों से मोटी रकम लेकर आसानी से आॅन-डिमांड देशी-विदेशी शराब व बियर उपलब्ध करायी जा रही है।
यूँ तो बिहार में पूर्ण शराबबंदी है लेकिन गिद्धौर से सटे पड़ोसी राज्य झारखंड के देवघर से शराब उपलब्ध कराकर स्थानीय माफिया प्रतिदिन इलाके में  इसे ऊँचे दामों में बेच कर मालामाल हो रहे हैं। मुख्यमन्त्री नीतीश कुमार के शराबबंदी अभियान को गिद्धौर क्षेत्र के स्थानीय शराब माफियाओं द्वारा लगातार ठेंगा दिखाया जा रहा है। शराब माफियाओं की मेहरबानी से लोग घर बैठे शराब का आसानी से लुत्फ़ उठा रहे हैं।
गिद्धौर रेलवे स्टेशन परिसर, गिद्धौर बाजार, टेम्पु स्टैंड एवं रोड नंबर तीन जैसे इलाकों में स्थानीय शराब माफियाओं द्वारा पड़ोसी राज्य झारखंड के देवघर से लाखों रुपये के शराब की खेप लाकर रखी जाती है व इसे बाजार के ही कुछ चिन्हित कोल्ड ड्रिंक्स बेचने वाले दुकानदारों को रुपये की लालच देकर ठंडा करवा आसपास के क्षेत्र में लुक-छुपाकर बेची जाती है।
यदि जल्दी ही इस तरफ विशेष ध्यान नहीं दिया गया तो ऐसे में मुख्यमंत्री के शराबमुक्त राज्य निर्माण का सपना सपना ही रह जायेगा।
(अभिषेक कुमार झा)
गिद्धौर
10/04/2017

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