जमुई/बिहार। जिला विधिक सेवा प्राधिकार जमुई के तत्वावधान में बीते रविवार को खैरा प्रखंड अंतर्गत कुरभाटार ग्राम में विधिक जागरूकता शिविर का आयोजन किया गया। शिविर का मुख्य उद्देश्य ग्रामीणों को बच्चों के अधिकार, उनके संरक्षण तथा नालसा की “बच्चों के लिए मैत्रीपूर्ण विधिक सेवाएं एवं उनके संरक्षण के लिए विधिक सेवाएं योजना–2015” के प्रति जागरूक करना था। कार्यक्रम का आयोजन जिला विधिक सेवा प्राधिकार के पैनल अधिवक्ता अंजनी कुमार एवं पारा विधिक सेवक दिलीप कुमार द्वारा संयुक्त रूप से किया गया।
शिविर को संबोधित करते हुए पैनल अधिवक्ता ने उपस्थित ग्रामीणों को बच्चों के संरक्षण से जुड़े विभिन्न कानूनी प्रावधानों की विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने कहा कि बच्चे हमारे समाज और राष्ट्र का भविष्य हैं, इसलिए उनके जन्म से ही शिक्षा, स्वास्थ्य, पोषण और सुरक्षा की समुचित व्यवस्था करना समाज और परिवार की सामूहिक जिम्मेदारी है। बच्चों के सर्वांगीण विकास के लिए उन्हें सुरक्षित, स्नेहपूर्ण और मैत्रीपूर्ण वातावरण उपलब्ध कराना अत्यंत आवश्यक है।
उन्होंने बताया कि नालसा की इस विशेष विधिक सेवा योजना के अंतर्गत बच्चों के शिक्षा के अधिकार, स्वास्थ्य से जुड़े अधिकार, संरक्षण का अधिकार सहित कई महत्वपूर्ण कानूनों की जानकारी और सहायता दी जाती है। इसके साथ ही विधि-विरुद्ध बालकों को भी निशुल्क विधिक सहायता प्रदान करने का प्रावधान है, ताकि वे न्यायिक प्रक्रिया में अपने अधिकारों से वंचित न रहें। कानूनी अभिरक्षा में रह रहे अथवा बालगृह में निवास कर रहे बच्चों के लिए भी जिला विधिक सेवा प्राधिकार द्वारा निशुल्क कानूनी सेवाएं उपलब्ध कराई जाती हैं।
कार्यक्रम में यह भी बताया गया कि जरूरतमंद बच्चे या उनके अभिभावक किसी भी प्रकार की विधिक सहायता के लिए पैनल अधिवक्ता या पारा विधिक सेवक से सीधे संपर्क कर सकते हैं। शिविर के दौरान ग्रामीणों ने भी बच्चों के अधिकारों और कानूनी प्रक्रियाओं से संबंधित सवाल पूछे, जिनका सरल और सहज भाषा में समाधान किया गया।
इस अवसर पर ग्राम पंचायत की मुखिया समा देवी सहित बड़ी संख्या में ग्रामीण उपस्थित थे। ग्रामीणों ने इस तरह के जागरूकता कार्यक्रम को उपयोगी बताते हुए भविष्य में भी ऐसे शिविर आयोजित किए जाने की मांग की।








