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गुरुवार, 4 सितंबर 2025

पीएम मोदी और उनकी माता पर अभद्र टिप्पणी के विरोध में एनडीए का गिद्धौर बंद रहा सफल

गिद्धौर/जमुई (Gidhaur/Jamui), 4 सितंबर 2025, गुरुवार : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) और उनकी माता जी के विरुद्ध कथित अभद्र टिप्पणी को लेकर पूरे जिले में आक्रोश देखा जा रहा है। इसी कड़ी में गुरुवार को गिद्धौर प्रखंड क्षेत्र में एनडीए घटक दलों ने संयुक्त रूप से बंद का आयोजन किया। सुबह 7 बजे से दोपहर 12 बजे तक आयोजित इस बंदी को भाजपा, जदयू और लोजपा (रामविलास) के कार्यकर्ताओं ने सफल बनाने के लिए कड़ी मेहनत की।

बंदी के दौरान एनडीए (NDA) कार्यकर्ता गिद्धौर मुख्य बाजार समेत प्रखंड के विभिन्न इलाकों में सक्रिय रूप से मौजूद रहे। उन्होंने दुकानदारों और स्थानीय व्यापारियों से स्वेच्छा से दुकानें बंद रखने की अपील की। व्यापारियों ने भी एनडीए के आह्वान का समर्थन करते हुए पूर्ण सहयोग दिया। इस कारण बाजार की सभी दुकानें बंद रहीं और प्रखंड मुख्यालय का जनजीवन कुछ घंटों के लिए ठहर-सा गया।

भाजपा मंडल अध्यक्ष राजा बाबू केशरी, जदयू प्रखंड अध्यक्ष विवेकानंद सिंह, देवेंद्र कुमार रावत, शंभू केशरी, सोनू सिंह, प्रभाकर रावत, नियाज खान, अशोक केशरी सहित बड़ी संख्या में एनडीए कार्यकर्ता इस विरोध-प्रदर्शन में शामिल हुए। नेताओं ने कहा कि महागठबंधन के नेताओं की राजनीतिक गिरावट का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि वे देश के प्रधानमंत्री और उनकी माता जी का भी सम्मान करना भूल गए हैं।
जदयू के वरिष्ठ नेता जयनंदन सिंह सहित अन्य वक्ताओं ने चेतावनी दी कि यदि इस प्रकार की अभद्र बयानबाजी पर रोक नहीं लगी, तो एनडीए सड़क से लेकर सदन तक व्यापक आंदोलन करेगा। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री न केवल देश के सर्वोच्च संवैधानिक पद पर आसीन व्यक्ति हैं, बल्कि करोड़ों भारतीयों की आस्था और सम्मान का प्रतीक भी हैं। ऐसे में उनके और उनके परिवार के खिलाफ की गई अपमानजनक टिप्पणी असहनीय है।
बंद के दौरान गिद्धौर का बाजार पूरी तरह ठप रहा। सड़कें भी सामान्य दिनों की तुलना में सुनसान रहीं और लोगों की आवाजाही में कमी दिखी। हालांकि बंदी के दौरान कहीं भी अप्रिय घटना घटित नहीं हुई। प्रशासन द्वारा पूरे क्षेत्र में चौकसी बरती गई और पुलिस बल तैनात रहा, जिससे स्थिति पूरी तरह शांतिपूर्ण बनी रही।

एनडीए नेताओं और कार्यकर्ताओं ने ऐलान किया कि यह विरोध केवल शुरुआत है। यदि भविष्य में भी प्रधानमंत्री और उनके परिवार के सम्मान को ठेस पहुँचाने वाली भाषा का प्रयोग किया गया तो आंदोलन और उग्र रूप ले सकता है।

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