वर्ष 1996 के इकरारनामे के अनुरूप पूजा समिति को पूजा आयोजन की सीमित जिम्मेदारी
गिद्धौर/जमुई। शारदीय दुर्गा पूजा सह लक्ष्मी पूजा समिति गिद्धौर द्वारा दुर्गा मंदिर की मरम्मत एवं सौंदर्यीकरण को लेकर प्रस्तुत प्रस्ताव पर गिद्धौर रियासत के महाराज कुंवर राज राजेश्वर प्रसाद सिंह चंदेल ने पूजा समिति को सीधे मरम्मत की अनुमति देने से इनकार कर दिया है। ज्ञात हो कि दिनांक 21 जुलाई को ग्राम पंचायत राज पतसंडा की मुखिया एवं दुर्गा पूजा सह लक्ष्मी पूजा समिति की पदेन अध्यक्ष ललिता देवी द्वारा महाराज को एक आवेदन पत्र भेजा गया था, जिसमें मंदिर के सौंदर्यीकरण की अनुमति मांगी गई थी।
हालांकि, महाराज ने इस अनुरोध को अस्वीकृत करते हुए मंदिर मरम्मत की प्रक्रिया को परामर्शदात्री समिति के माध्यम से कराने का निर्देश दिया। इसके पश्चात महाराज ने गठित परामर्शदात्री समिति को मंदिर का भौतिक निरीक्षण कर मरम्मत कार्य का आकलन करने के निर्देश दिए। समिति की अनुशंसा के आधार पर 23 जुलाई से मंदिर का मरम्मती कार्य राजभवन द्वारा प्रारंभ करवा दिया गया है।
इस संदर्भ में यह उल्लेखनीय है कि वर्ष 1996 में तत्कालीन महाराजा बहादुर स्व. प्रताप सिंह एवं गिद्धौर के तत्कालीन मुखिया के बीच एक इकरारनामा हुआ था, जिसके अनुसार दुर्गा पूजा समिति को केवल पूजा-अर्चना और धार्मिक अनुष्ठानों के आयोजन की अनुमति दी गई थी, जबकि मंदिर संबंधी निर्माण या संरचनात्मक बदलाव का अधिकार राज परिवार के अधीन ही सुरक्षित रखा गया है। स्थानीय लोगों ने मंदिर मरम्मत कार्य की शुरुआत का स्वागत किया है और उम्मीद जताई है कि इससे धार्मिक स्थल की गरिमा और श्रद्धालुओं की सुविधा में वृद्धि होगी।