गिद्धौर/जमुई (Gidhaur/Jamui), 31 जुलाई 2025, गुरुवार : बिहार सरकार की म्यूचुअल ट्रांसफर नीति ने दो शिक्षिकाओं के जीवन में नई रौशनी ला दी है। 12 वर्षों के लंबे इंतजार के बाद शिल्पी वर्णवाल और सुमन कुमारी को अपने-अपने ससुराल में तैनाती मिल गई है। गुरुवार को दोनों शिक्षिकाओं ने क्रमशः प्रा. वि. तारडीह, गिद्धौर तथा उ. म. वि. चन्दवारा, जमुई में योगदान दिया।
मालूम हो कि शिक्षा विभाग द्वारा हाल ही में शिक्षकों के लिए म्यूचुअल ट्रांसफर की नीति को प्रभावी रूप से लागू किया गया है। इसी के तहत दोनों शिक्षिकाओं ने ‘ई-शिक्षा कोष’ ऐप के माध्यम से म्यूचुअल ट्रांसफर (Mutual Transfer) के लिए आवेदन किया था। आश्चर्यजनक रूप से, मात्र पाँच दिनों में इनका तबादला स्वीकृत हो गया, जिससे एक समय असंभव सा प्रतीत हो रहा यह स्थानांतरण अब एक सजीव उदाहरण बन गया है।
इस ऐतिहासिक उपलब्धि के लिए दोनों शिक्षिकाओं ने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार एवं एसीएस एस. सिद्धार्थ के प्रति आभार प्रकट किया है। साथ ही, उन्होंने बिहार पंचायत नगर प्रारंभिक शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष आनंद कौशल सिंह के प्रति भी धन्यवाद जताया, जिनके लगातार 13 वर्षों के संघर्ष और निष्ठावान प्रयासों के परिणामस्वरूप न केवल शिक्षकों का नियमितीकरण संभव हो सका, बल्कि स्थानांतरण नीति को भी जमीन पर उतारा गया।
इस अवसर पर विद्यालयों में प्रसन्नता का माहौल रहा। प्रभारी प्रधानाध्यापक शैलेन्द्र कुमार, सुरेन्द्र कुमार, करिश्मा कुमारी, आर्यन वर्णवाल, हितेश कुमार, गौतम कुमार, नीरज कुमार, अंजली कुमारी, शिखा कुमारी, अर्चना कुमारी, मुकेश केसरी, रिशु मेहता समेत दर्जनों शिक्षकों ने हर्ष व्यक्त करते हुए दोनों शिक्षिकाओं को बधाई दी।
यह स्थानांतरण न केवल व्यक्तिगत खुशी का विषय है, बल्कि यह पूरे शिक्षकीय समुदाय के लिए एक प्रेरणास्पद उदाहरण भी बन गया है कि इच्छाशक्ति और नीति का संगम कैसे वर्षों पुराने सपनों को साकार कर सकता है।