गिद्धौर/जमुई। मुख्यमंत्री विद्यालय सुरक्षित शनिवार अभियान के अंतर्गत गिद्धौर प्रखंड के सभी सरकारी विद्यालयों में आपदा प्रबंधन के तहत बच्चों को जागरूक करने के उद्देश्य से व्यापक स्तर पर मॉकड्रिल का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम का उद्देश्य आपदा से संबंधित जोखिमों की पहचान, उनसे निपटने की तैयारी और त्वरित प्रतिक्रिया के बारे में बच्चों को व्यवहारिक जानकारी देना था।
इस क्रम में उच्च माध्यमिक विद्यालय बंधौरा की शिक्षिका हेमलता सिन्हा ने छात्र-छात्राओं को आम और सरल भाषा में आपदा से बचाव की महत्त्वपूर्ण जानकारी दी। उन्होंने बताया कि प्राकृतिक या मानवजनित आपदा आने की स्थिति में किस प्रकार से संयम और समझदारी के साथ बचाव किया जा सकता है।
विद्यालय परिसर में आयोजित मॉकड्रिल के दौरान बच्चों को आपदा की स्थिति में अलार्म बजने पर कैसे सतर्क रहना है, किस दिशा में निकलना है, कैसे प्राथमिक उपचार करना है और आपसी सहयोग से एक-दूसरे की मदद करनी है, यह सब अभ्यास के माध्यम से सिखाया गया।
प्रशिक्षण प्राप्त शिक्षकों और शिक्षिकाओं ने बच्चों को बताया कि कैसे वे आपदा के विभिन्न रूपों—जैसे भूकंप, आगजनी, बाढ़ आदि—की पहचान कर सकते हैं और उनसे बचने की तैयारी पहले से ही कर सकते हैं। उन्हें यह भी सिखाया गया कि किसी भी आपदा की स्थिति में घबराने के बजाय संयम बनाए रखते हुए कैसे प्रभावी ढंग से प्रतिक्रिया देनी चाहिए।
मॉकड्रिल के दौरान बच्चों को प्राथमिक उपचार, सुरक्षित स्थान पर पहुंचने के रास्ते, आपातकालीन संपर्क साधनों और त्वरित सूचना देने की तकनीकों से भी अवगत कराया गया। इस आयोजन में छात्र-छात्राओं ने भी बढ़-चढ़ कर भाग लिया और मॉक अभ्यास को गंभीरता से समझा।
इस अवसर पर मंटू मंडल, कैलाशपति यादव, अवधेश कुमार पप्पू ने कार्यक्रम की सराहना करते हुए कहा कि इस तरह की मॉकड्रिल से बच्चों में न केवल जागरूकता आती है, बल्कि उन्हें किसी भी आपात स्थिति में आत्मनिर्भर और सतर्क बनने में सहायता मिलती है।
कार्यक्रम में बंधौरा सहित गिद्धौर प्रखंड के विभिन्न विद्यालयों के प्रधानाध्यापक, शिक्षक-शिक्षिकाएं जैसे बच्चन कुमार ज्योति, संजय मिश्रा, वंदना कुमारी, रंजीत शर्मा, संजीव कुमार, राजीव कुमार, वशिष्ठ नारायण यादव, राजीव वर्णवाल, अनीता कुमारी, अंजली कुमारी, मो. अलाउद्दीन अंसारी, रवि कुमार रवि, रेणु देवी, चुनचुन कुमार, उमाशंकर प्रसाद, संतोष पासवान सहित दर्जनों छात्र-छात्राएं उपस्थित रहे।
यह कार्यक्रम न केवल शैक्षणिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण था, बल्कि बच्चों की सुरक्षा और जीवन रक्षा की दिशा में एक अहम कदम साबित हुआ।