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शनिवार, 31 मई 2025

बाबा कोकिलचंद धाम को धार्मिक पर्यटन स्थल घोषित करने हेतु मंत्री चिराग पासवान को सौंपा आवेदन

  • धार्मिक पर्यटन के रूप में विकसित हो बाबा कोकिलचंद धाम
  • दिल्ली विश्वविद्यालय के सत्यवती महाविद्यालय के वार्षिक समारोह में मंत्री चिराग पासवान को सौंपा गया विस्तृत मांग-पत्र
  • बाबा कोकिलचंद की महिमा का दिल्ली विश्वविद्यालय भी हुआ साक्षी
नई दिल्ली/गंगरा/गिद्धौर/जमुई (New Delhi/Gangra/Gidhaur/Jamui), 31 मई 2025, शनिवार : बाबा कोकिलचंद की महिमा का दिल्ली विश्वविद्यालय भी साक्षी बना। शनिवार को दिल्ली विश्वविद्यालय के सत्यवती महाविद्यालय में आयोजित वार्षिकोत्सव समारोह में बतौर मुख्य अतिथि शामिल हुए भारत सरकार के खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्री एवं जमुई के पूर्व सांसद चिराग पासवान (Central Minister Chirag Paswan) को एक विशेष आवेदन पत्र सौंपा गया। यह मांग-पत्र बिहार राज्य के जमुई जिले के गिद्धौर प्रखंड अंतर्गत गंगरा गांव में स्थित बाबा कोकिलचंद धाम को धार्मिक पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करने, गंगरा को आदर्श ग्राम के प्रतिमान घोषित करने तथा मंत्री द्वारा इस गांव को गोद लेने संबंधी अनुरोध के लिए दिया गया।
यह मांग-पत्र सत्यवती महाविद्यालय दिल्ली विश्वविद्यालय के हिंदी विभाग में कार्यरत सहायक प्राध्यापक सह बाबा कोकिलचंद विचार मंच ट्रस्ट गंगरा, गिद्धौर के मार्गदर्शक मंडल के सदस्य उत्तम कुमार द्वारा सौंपा गया। उन्होंने मंत्री को सौंपे गए आवेदन में विस्तार से बताया कि जमुई जिले के गंगरा गांव में स्थित बाबा कोकिलचंद धाम एक लोक आस्था का केंद्र है, जहाँ पीढ़ियों से बाबा कोकिलचंद की पूजा होती आ रही है। इस धाम में स्थापित मंदिर का पंजीकरण बिहार राज्य धार्मिक न्यास पर्षद, पटना से विधिवत रूप से हुआ है।
उत्तम कुमार ने बताया कि बाबा कोकिलचंद द्वारा समाज को जो तीन त्रिसूत्र मंत्र दिए गए हैं, शराब से दूर रहना, नारी का सम्मान करना और अन्न की रक्षा करना, वो आज भी गाँववासियों के जीवन के मूल मंत्र हैं। आवेदन में इस पवित्र स्थल को धार्मिक एवं सांस्कृतिक पर्यटन केंद्र के रूप में विकसित करने, केंद्र सरकार की विभिन्न योजनाओं के अंतर्गत विशेष सहायता देने एवं गंगरा गांव को आदर्श ग्राम योजना के अंतर्गत गोद लेने का अनुरोध किया गया है।

आवेदन में यह भी उल्लेख किया गया है कि गिद्धौर राज रियासत के तत्कालीन महाराजा हरि सिंह द्वारा बाबा कोकिलचंद धाम को 13 एकड़ भूमि दान स्वरूप प्रदान की गई थी, जो इस क्षेत्र की ऐतिहासिक महत्ता को रेखांकित करती है। बाबा कोकिलचंद धाम की आध्यात्मिक गरिमा और प्राकृतिक सौंदर्य पर्यटकों को सहज ही आकर्षित करता है। यहां हर वर्ष हजारों श्रद्धालु दर्शन के लिए आते हैं। बिहार सरकार द्वारा भी पूर्व में इस स्थल को सांस्कृतिक धरोहर के रूप में सम्मानित किया जा चुका है। 
समारोह में डॉ. मुन्ना पाण्डेय, डॉ. आशुतोष तिवारी, डॉ. गजेन्द्र, एवं डॉ. कामख्या नारायण तिवारी जैसे दिल्ली विश्वविद्यालय व सत्यवती महाविद्यालय के ख्यातनाम प्रोफेसर की सहभागिता के साथ यह आवेदन मंत्री चिराग पासवान को सौंपा गया। सभी ने इस पहल की सराहना की और अपनी सहमति जताई।

बाबा कोकिलचंद मंदिर गंगरा के सचिव चुन चुन कुमार ने बताया —
इस मांग को लेकर एक विस्तृत दस्तावेज भी मंत्री चिराग पासवान को सौंपा गया है। जिसमें मंदिर की ऐतिहासिकता, सांस्कृतिक विरासत, और सामाजिक प्रभाव के साथ-साथ इस स्थल के विकास की संभावनाओं को स्पष्ट रूप से रेखांकित किया गया है। यह पहल न केवल बिहार राज्य में धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा देने का एक सकारात्मक प्रयास है, बल्कि ग्रामीण विकास और सांस्कृतिक पुनरुत्थान की दिशा में भी एक महत्वपूर्ण कदम सिद्ध हो सकती है।

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