गिद्धौर/जमुई (Gidhaur/Jamui), 26 अप्रैल 2025, शनिवार : बिहार के सरकारी स्कूलों में व्यवस्थाओं की गुणवत्ता सुनिश्चित करने के उद्देश्य से शिक्षा विभाग ने विद्यालयों के निरीक्षण हेतु एक नई और व्यापक जांच प्रणाली लागू कर दी है। इस संदर्भ में विशेष सचिव सह निदेशक प्रशासन द्वारा निर्देश जारी किए गए हैं, जिसमें स्पष्ट किया गया है कि अगले तीन महीनों तक स्कूलों में नियमित रूप से जांच की जाएगी।
इस नई व्यवस्था के अंतर्गत निरीक्षण अधिकारियों को यह सुनिश्चित करना होगा कि विद्यालयों में नामांकित छात्रों की संख्या और उनकी उपस्थिति की सही जानकारी दर्ज हो। इसके अलावा छात्रों को उपलब्ध कराई जा रही यूनिफॉर्म की स्थिति, परीक्षा में शामिल होने वाले विद्यार्थियों की संख्या, स्कूलों में चल रहे निर्माण कार्य, तथा समग्र शैक्षणिक व्यवस्था की भी गहराई से जांच की जाएगी।
जिन विद्यालयों का निरीक्षण किया जाना है, उनकी सूची राज्य स्तर पर तैयार की जाएगी। इन विद्यालयों का चयन शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव द्वारा किया जाएगा। विशेष रूप से, अवर सचिव को अगले तीन माह तक निरीक्षण की जिम्मेदारी सौंपी गई है, जबकि बिहार शिक्षा सेवा के अधिकारियों को भी इस अवधि में निरीक्षण करने का अधिकार दिया गया है।
निरीक्षण प्रक्रिया को पूरी तरह गोपनीय रखा जाएगा। यदि किसी कारणवश कोई पदाधिकारी निर्धारित दिन पर स्कूल नहीं जा पाते हैं, तो उन्हें इसकी जानकारी अपर मुख्य सचिव कार्यालय को देना अनिवार्य होगा। निरीक्षण के पश्चात, जांच से संबंधित विस्तृत रिपोर्ट विशेष सचिव सह निदेशक जन शिक्षा, शिक्षा विभाग के आईटी मैनेजर, और संबंधित जिला शिक्षा पदाधिकारी को सौंपनी होगी।
शिक्षा विभाग ने जांच प्रक्रिया को अधिक सुव्यवस्थित बनाने के लिए एक नया निरीक्षण फॉर्मेट भी जारी किया है, जिसके अनुसार सभी जांच अधिकारी स्कूलों की जांच करेंगे। चयनित विद्यालयों की सूची संबंधित पदाधिकारियों को अपर मुख्य सचिव कार्यालय द्वारा भेजी जाएगी।
इस पहल का उद्देश्य सरकारी स्कूलों में शिक्षा की गुणवत्ता, संसाधनों की उपलब्धता और प्रशासनिक कार्यों में पारदर्शिता को सुनिश्चित करना है।