गिद्धौर/जमुई (Gidhaur/Jamui), 22 मार्च 2025, शुक्रवार : गांवों में कोर्ट और थानों पर मुकदमों का दबाव कम करने के लिए सरकार ने बड़ा फैसला लिया है। अब हर मंगलवार और शुक्रवार को ग्राम कचहरियों में अनिवार्य रूप से सुनवाई होगी। पंचायती राज विभाग ने इसे लेकर जिलाधिकारी और जिला पंचायती राज अधिकारी को विस्तृत निर्देश जारी किया है। पंच-सरपंचों को भारतीय न्याय संहिता के तहत फैसले देने होंगे।
बिहार की ग्राम कचहरियों में अब तक बदले हुए कानून पूरी तरह लागू नहीं हुए थे। सरपंचों और पंचों को भारतीय न्याय संहिता 2023 और भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता के तहत निर्णय देने होंगे। राज्य की ग्राम कचहरियों को भारतीय न्याय संहिता की 40 धाराओं में सुनवाई करने का अधिकार दिया गया है। इसके लिए संबंधित लोगों को पत्र जारी किया गया है।
★ नई धाराओं के तहत सुनवाई से लोगों को राहत ★
भारतीय दंड संहिता की पुरानी धाराओं को बदलकर नई भारतीय न्याय संहिता में नई धाराएं जोड़ी गई हैं। पंचायती राज विभाग ने भारतीय न्याय संहिता 2023 की धाराओं के साथ पुरानी धाराओं की सूची सभी ग्राम कचहरियों के सरपंचों और पंचों को भेजी थी। लेकिन अब तक कई पंच-सरपंचों को इसकी पूरी जानकारी नहीं है। नई धाराओं के तहत सुनवाई होने से आम लोगों को ज्यादा फायदा मिलेगा। लोकल स्तर पर सुनवाई होने से लोगों को मुख्यालय तक नहीं जाना पड़ेगा।
★ नई धाराओं के तहत कई मामलों की सुनवाई अब ग्राम कचहरी में ★
पंचायती राज विभाग ने विधि विभाग से प्राप्त तुलनात्मक सूची जिलाधिकारी और जिला पंचायती राज पदाधिकारी को भेजी है। निर्देश दिया गया है कि इसे सभी क्षेत्रीय पदाधिकारी, त्रिस्तरीय पंचायत, ग्राम कचहरियों के निर्वाचित प्रतिनिधियों, ग्राम कचहरी के सचिवों और न्याय मित्रों को तुरंत उपलब्ध कराया जाए। पंचायती राज अधिनियम के तहत ग्राम कचहरियों को दो तरह के अधिकार दिए गए हैं। नई धाराओं के तहत अश्लील कार्य, गाने गाना, लॉटरी कार्यालय रखना, आपराधिक बल का प्रयोग करना और किसी व्यक्ति को गलत ढंग से रोकने जैसे मामलों की सुनवाई ग्राम कचहरी में होगी।