- गिद्धौर में आरटीआई कानून को अधिकारी ही दिखा रहे ठेंगा
- असंतुष्ट आरटीआई कार्यकर्ता ने डीएम से मांगी पूरी जानकारी
गिद्धौर/जमुई (Gidhaur/Jamui), 14 जनवरी 2025, मंगलवार : सरकारी कार्यालयों के कामकाज में पारदर्शिता और आवश्यक जानकारियां आम लोगों तक पहुंचाने के उद्देश्य से सूचना का अधिकार अधिनियम 2005 से लागू किया गया है। प्रत्येक सरकारी कार्यालयों को इसके दायरे में लाकर इसके लिए जरूरी संसाधन भी मुहैय्या कराई गई है। अधिनियम के तहत जानकारी देने के लिए समय सीमा तय कर जवाबदेही भी तय की गई है, लेकिन जिम्मेदारों की अनदेखी और टालने वाले रवैये के कारण आरटीआई का मूल उद्देश्य सार्थक नहीं हो रहा। हाल यह है कि सरकार का कोई भी विभाग आरटीआई कार्यकर्ताओं द्वारा मांगी गई सूचना समय पर नहीं दे रहे हैं। सूचना मिल भी रही है तो आधी-अधूरी।
गिद्धौर प्रखंड अंतर्गत कुमरडीह गांव निवासी समाजसेवी व आरटीआई कार्यकर्ता बिमल कुमार मिश्र ने बताया कि गिद्धौर के कोल्हुआ पंचायत में पंचायत समिति द्वारा अबतक किए गए कार्यों का पूर्ण विवरण आरटीआई के माध्यम से 30 दिसम्बर 2024 को गिद्धौर बीडीओ से मांगी। इसके जवाब में गिद्धौर बीडीओ द्वारा 8 जनवरी 2025 को पत्रांक 33 के माध्यम से विवरण बिमल कुमार मिश्र को भेजी गई। जिसमें बीडीओ ने कार्ययोजना की संख्या एवं योजना का नाम ही लिखा है, जबकि योजना की लागत राशि की कहीं कोई जानकारी नहीं है। बीडीओ साहब का आधा अधूरा व लीपापोती वाला प्रतिवेदन पढ़कर आरटीआई कार्यकर्ता बिमल असंतुष्ट हुए और पूर्ण जानकारी के लिए जमुई जिलाधिकारी को ईमेल कर दिया।
बिमल मिश्र ने बताया कि आरटीआई के जवाब स्वरूप प्राप्त प्रतिवेदन में बोर्ड, योजना का विवरण, और राशि अंकित नहीं है जो कहीं न कहीं कार्य योजनाओं में अनियमितता को दर्शा रहा है। इसलिए जिलाधिकारी से ही अब जवाब की उम्मीद है। इसकी प्रतिलिपि मुख्यमंत्री, सचिवालय व सांसद को भी ईमेल की गई है।