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शुक्रवार, 31 जनवरी 2025

सरस्वती पूजा को लेकर मूर्तियां तैयार, मेहनत के अनुरूप नहीं मिल रही कीमत

  • गिद्धौर प्रखंड क्षेत्र में मूर्ति के कारोबार में इजाफा
  • कीमत एक हजार से लेकर बीस हजार रूपए तक

गिद्धौर/जमुई (Gidhaur/Jamui), 31 जनवरी 2025, शुक्रवार : सरस्वती पूजा को लेकर स्कूलों,सरकारी स्कूलों,पुजा समितियों व कोचिंग संस्थानों की ओर से सरस्वती पूजा की तैयारी शुरू कर दी है। 3 फरवरी को होने वाली सरस्वती माँ की प्रतिमाएं बनाने का कार्य पूर्ण कर प्रतिमाओं का रंगरोगन कर अंतिम रूप देने में लग गए है।स्कूलों और पूजा समितियों की ओर से सभी जगहों पर प्रतिमाओं के लिए मूर्तिकारों को एडवांस भी दिया जा चुका है।

सरस्वती पूजा को लेकर विद्यार्थियों में काफी उत्सुकता देखी जा रही है। बढ़िया मूर्ति को लेकर लोग मूर्तिकारों के पास पहुंच रहे है।मूर्तिकारों को अपने अनुरूप बेहतर मूर्ति बनाने की सलाह भी दे रहे है।हालांकि इस बार मूर्तिकारों पर महंगाई का असर नहीं पड़ रहा है।मूर्ति का बुकिंग भी ज्यादा से ज्यादा हो रही है।
पतसंडा निवासी मूर्तिकार सुबोध पंडित व संदीप कुमार ने बताया कई वर्षों से पूर्वजों के साथ मूर्तियों बना अपने परिवार का भरण-पोषण करते है।पहले जहां कम लागत में मूर्ति बन जाती थी,वही महंगाई के इस दौर में लागत खर्च इतना ज्यादा आ रहा है कि हजार रूपए से कम पर मूर्ति बेच पाना संभव नही है।पिछले वर्ष के तरह इस वर्ष मूर्तियों की बुकिंग भी ज्यादा हुई है।
वहीं मूर्तिकार आनंदी पंडित ने बताया कि इस वर्ष एक फीट से लेकर बारह फीट तक की प्रतिमा बनाई जा रही है।जिसकी कीमत हजार रूपए से बीस हजार तक निर्धारित की गई है।इस वर्ष उनके पास करीब 40-70 मूर्तियों की अग्रिम बुकिंग स्कूलों और पूजा कमिटियों द्वारा कराई गई है। फरमाइशी मूर्तियों की डिमांड अधिक है। लोग मोबाइल में फोटो लेकर आते हैं और वैसी ही मूर्ति की डिमांड करते हैं। ग्रामीण क्षेत्र होने की वजह से मेहनत के अनुरूप मूर्तिकारों को धनराशि नहीं मिलती। लेकिन साल भर का दिन होता है तो मूर्तिकार समर्पित भाव से निर्माण करते हैं। उन्होंने बताया अब जल्द ही रात दिन एक करके सभी प्रतिमाओं को अंतिम रूप दिया जा रहा है।

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