बदल गई बिहार में सरकारी स्कूलों की टाइमिंग, 1 दिसंबर से सुबह 9:30 से शाम 4 बजे तक चलेंगे स्कूल

  • शनिवार को होंगे बैगलेस क्लासेज़ 
  • शिक्षा विभाग के एसीएस रहते आईएएस केके पाठक ने बदला था स्कूल टाइमिंग 
  • मॉडल टाइम-टेबल का पालन संस्कृत बोर्ड के विद्यालय तथा राजकीय उर्दू विद्यालय भी करेंगे

गिद्धौर/जमुई (Gidhaur/Jamui), 22 नवंबर 2024, शुक्रवार
✓ रिपोर्ट : सुशांत साईं सुंदरम 
बिहार सरकार के शिक्षा विभाग ने स्कूलों की टाइमिंग में बदलाव कर दिया है। स्कूल अब सुबह 9:30 बजे से शाम 4 बजे तक चलेगा। ज्ञातव्य है कि शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव रहते आईएएस केके पाठक ने स्कूल टाइमिंग को बदला था, उसे अब रद्द कर दिया गया है। केके पाठक ने स्कूल का समय सुबह 9 बजे से 5 बजे तक कर दिया था। शिक्षकों के भारी विरोध के बाद फिर इसे शाम 4:30 बजे तक किया गया। सरकार ने अब एक बार फिर टाइमिंग सुबह 9:30 बजे से शाम 4 बजे तक करने का फैसला लिया है। शनिवार को भी स्कूल 4 बजे तक ही चलेंगे। इसे लेकर शिक्षा विभाग के माध्यमिक शिक्षा कार्यालय द्वारा आदेश पत्र जारी किया गया है।

नई टाइमिंग 1 दिसंबर 2024 से लागू होगी। सरकारी स्कूलों का यह मॉडल टाइम टेबल कहलाएगा। सुबह 9:30 से 10 बजे तक प्रार्थना होगी। पहली घंटी 10 बजे से 10:40 बजे तक होगी। दूसरी घंटी 10:40 से 12:20 बजे तक, तीसरी घंटी 11:20 से 12 बजे तक होगी। फिर 12 बजे मिड डे मील का भोजनावकाश होगा। यह मध्यांतर 40 मिनट का रहेगा।
स्कूल में चौथी घंटी 12:40 बजे से 1:20 बजे तक होगी। पांचवी घंटी 1: 20 से 2 बजे तक। छठी घंटी 2 बजे से 2:40 बजे तक। सातवीं घंटी 2:40 से 3:20 बजे तक, आठवीं घंटी 3:20 से 4 बजे तक होगी। फिर छुट्टी हो जाएगी। स्कूल में अब अन्य काम नहीं लिए जाएंगे। डायरी लिखने जैसे काम अब स्कूलों में नहीं होंगे। शिक्षा विभाग में अपने आदेश में कहा है कि सभी कक्षा में बच्चों के लिए खेल को संगीत, डांस, पेंटिंग की क्लास जरूरी रखी जाए। हर एक्टिविटी के लिए अलग-अलग क्लास के लिए अलग-अलग समय निर्धारित करेंगे। शिक्षा विभाग ने अपने आदेश में आगे कहा है कि स्कूल में किसी क्लास, बोर्ड या परीक्षा केंद्र की परीक्षा ली जा रही है तो दूसरे क्लास को स्थगित नहीं किया जाएगा।

शिक्षा विभाग के आदेश में आगे कहा गया है कि शनिवार के दिन बैगलेस क्लासेज होंगे। यह पहली से आठवीं क्लास तक के लिए लागू होगा। मध्यांतर तक माध्यमिक और उच्च माध्यमिक विद्यालयों में अध्यापन कार्य होगा। मध्यांतर के बाद बाल संसद या सभा, खेल-कूद और सृजनात्मक गतिविधियां होंगी। वहीं महीने में एक शनिवार को अभिभावकों के साथ बैठक आयोजित की जायेगी। जिस माह में पांचवां शनिवार आएगा उस शनिवार को सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन करते हुए पिछले सभी शनिवार में बच्चों द्वारा निर्मित सामग्रियों और गतिविधियों का प्रदर्शन किया जायेगा एवं समीक्षा करते हुए शिक्षकों द्वारा आकलन या मूल्यांकन किया जायेगा।
इस मॉडल टाइम-टेबल का पालन संस्कृत बोर्ड के अन्तर्गत विद्यालय तथा राजकीय उर्दू विद्यालय भी करेंगे। वहीं सभी वर्ग शिक्षकों को कक्षा में अपेक्षाकृत कमजोर बच्चों को आगे की पंक्तियों में अनिवार्य रूप से बैठाने का निर्देश दिया गया है। यदि कमजोर बच्चे नहीं हैं तभी अन्य बच्चे आगे की पंक्ति में बैठेंगे। सामान्य विद्यालय के प्रत्येक वर्ग या सेक्शन में छात्र एवं छात्राएं एक साथ बैठेंगे। छात्र एवं छात्राओं के लिए अलग-अलग वर्ग या सेक्शन का संचालन नहीं किया जायेगा।

शिक्षकों की उपलब्धता के आधार पर प्रधानाध्यापक रूटीन तैयार करेंगे। निर्धारित पाठ्यक्रम पूरा कराने की जिम्मेदारी संबंधित प्रधानाध्यापक की होगी। शिक्षकों को दायित्व समझते हुए प्रत्येक दिन विद्यार्थियों को गृह कार्य देना है एवं अगले दिन उसकी जांच करना है। वहीं प्रधानाध्यापक को प्रतिदिन विद्यालय परिसर, वर्ग कक्ष, रसोईघर एवं शौचालय आदि की साफ-सफाई का भी निरीक्षण करना होगा।

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