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शनिवार, 19 अक्टूबर 2024

गिद्धौर : प्राण प्रतिष्ठा के साथ हुई धन–ऐश्वर्य की देवी मां महालक्ष्मी की पूजा

गिद्धौर/जमुई (Gidhaur/Jamui), 19 अक्टूबर 2024, शनिवार : धन–ऐश्वर्य की देवी मां महालक्ष्मी की पूजा गिद्धौर प्रखंड के अंतर्गत नागी नकटी एवं उलाई नदी के संगम तट पर स्थित ऐतिहासिक दुर्गा मंदिर परिसर में दुर्गा पूजा के उपरांत आश्विन शुक्ल पक्ष शरद पूर्णिमा तिथि की देर संध्या प्रतिमा स्थापित कर प्राण प्रतिष्ठा कर पूरे विधि विधान एवं नियम निष्ठा के साथ की गई।

गिद्धौर के ऐतिहासिक दुर्गा मंदिर के प्रांगण में मां महालक्ष्मी की पूजा को लेकर सारी तैयारियां पूर्ण कर प्राण प्रतिष्ठा स्थापित कर पूजा शूरू की गई। मिली जानकारी के अनुसार गिद्धौर राज रियासत के चंदेल राजवंशों द्वारा सदियों से दुर्गा पूजा उपरांत आश्विन शुक्ल पक्ष शरद पूर्णिमा तिथि की संध्या बेला में धन, वैभव, यश, कृति व ऐश्वर्य की देवी मां महालक्ष्मी की पूजा प्रतिमा स्थापित कर प्राण प्रतिष्ठा कर देवघर के विद्धान पंडित महेश्वर चरण महाराज द्वारा पूरे विधि विधान व नियम निष्ठा के साथ कराने की परंपरा यहां सदियों से चली आ रही है।
बता दें कि पश्चिम बंगाल में जिस प्रकार शारदीय नवरात्र के बाद मां लख्खी की पूजा कराई जाती है, उसी प्रकार गिद्धौर राज रियासत के चंदेल राजवंश के शासकों द्वारा अपने राज्य के आम अवाम की सुख, समृद्धि एवं संपन्नता के लिए बंगाल के इस पूजा का हिन्दी रूपांतरण मां महालक्ष्मी की पूजा सदियों से गिद्धौर के ऐतिहासिक दुर्गा मंदिर परिसर में कराई जा रही है। ऐसा माना जाता है कि इस मंदिर में स्थापित लक्ष्मी मां की जो भक्त सच्चे हृदय से पूजा अर्चना करता है, उनकी झोली मां धन–धान्य से भर देती है। इस बार भी दुर्गा मंदिर में मां लक्ष्मी की प्रतिमा आश्विन शुक्ल पूर्णिमा बुधवार के दिन प्राण प्रतिष्ठा कर पूजन प्रारंभ की गई। दुर्गा पूजा से लेकर महालक्ष्मी पूजा तक आम अवाम के लिए यहां भव्य मेला निरंतर जारी है।

वहीं क्षेत्र के हजारों श्रद्धालु भक्त मां के दर्शन के लिए यहां लालायित रहते हैं। पूजन कार्य निष्पादित कराने में शारदीय दुर्गा पूजा सह लक्ष्मी पूजा समिति के पदाधिकारी एवं कार्यकारिणी सदस्य समर्पित भाव से जुटे रहे। प्रतिमा विसर्जन गुरुवार की देर शाम गिद्धौर स्थित मां त्रिपुर सुंदरी तालाब में किया गया।

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