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मंगलवार, 8 अक्टूबर 2024

गिद्धौर के ऐतिहासिक दुर्गा मंदिर में सप्तमी-अष्टमी की मध्य रात्रि तंत्र विधान से होगी प्राण प्रतिष्ठा

– आयोजन की तैयारियों में समर्पित भाव से जुटे हैं समिति के पदाधिकारी एवं कार्यकारिणी सदस्य
– महाष्टमी को होगा गिद्धौर के मेले का विधिवत उद्घाटन
– सार्वजनिक सहयोग से होता है गिद्धौर में दुर्गा पूजा एवं लक्ष्मी पूजा का आयोजन

गिद्धौर/जमुई (Gidhaur/Jamui), 8 अक्टूबर 2024, मंगलवार
✓ रिपोर्ट : सुशांत साईं सुंदरम 
गिद्धौर राज रियासत की ऐतिहासिक और पौराणिक महत्व को बनाए रखने के लिए श्रद्धाभाव से तत्पर शारदीय दुर्गा पूजा सह लक्ष्मी पूजा समिति द्वारा गिद्धौर में हो रहे शारदीय दुर्गा पूजा एवं शरद पूर्णिमा पर होने वाले लक्ष्मी पूजा कार्यक्रम को लेकर तैयारियां युद्धस्तर पर जारी है। समिति के पदाधिकारियों ने पत्रकार वार्ता में आयोजन की तैयारियों को लेकर जानकारियां दी।

समिति के कार्यवाहक अध्यक्ष राजीव कुमार साव उर्फ पिंकू जी ने बताया -
वर्ष 1996 में गिद्धौर के मेला और पूजा को गिद्धौर राज रियासत के तत्कालीन महाराज बहादुर प्रताप सिंह चंदेल द्वारा जनाश्रित घोषित कर दिया गया। जिसके बाद आयोजन की पूरी जिम्मेदारी समिति के पास आ गई। समिति के संविधान के मुताबिक ग्राम पंचायत राज पतसंडा के मुखिया समिति के पदेन अध्यक्ष होते हैं। वर्तमान में पंचायत की मुखिया ललिता देवी शारदीय दुर्गा पूजा सह लक्ष्मी पूजा समिति की अध्यक्ष हैं।
आगे समिति के कार्यवाहक अध्यक्ष राजीव कुमार साव उर्फ पिंकू जी ने बताया कि बीते कुछ वर्षों में मेला का विस्तार हुआ है। ऐसे में समिति की जिम्मेदारियां भी बढ़ी है। श्रद्धालुओं को दर्शन पूजन करने में सहूलियत हो, इसके लिए समिति के पदाधिकारी एवं कार्यकारिणी के सदस्यगण समर्पित भाव से जुटे हैं। गिद्धौर का दुर्गा मंदिर नागी नकटी और उलाई नदी के संगम तट पर स्थित है। नदी में स्नान कर दंडवत देते हुए मंदिर तक आने की प्रथा चली आ रही है। इसे लेकर दंडवत मार्ग में बालू बिछाया गया है, जिससे श्रद्धालुओं को असुविधा न हो। मेला परिसर में विधि व्यवस्था बनाए रखने के लिए जगह जगह पर सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं।

उन्होंने बताया कि स्थानीय प्रशासन द्वारा भी पूरा सहयोग मिला रहा है। भीड़ नियंत्रित करने के लिए अतिरिक्त पुलिस बल की भी मांग की गई है। सप्तमी-अष्टमी की मध्यरात्रि तांत्रिक विधान से मां दुर्गा का प्राण प्रतिष्ठा किया जाएगा। महाष्टमी को महिलाएं खोइंचा भरेंगी, महानवमी को बलिदान और विजयादशमी को प्रतिमा विसर्जन किया जायेगा।

वहीं समिति के सचिव शंभू कुमार केशरी ने बताया कि गिद्धौर का मेला हर वर्ष बढ़ता जा रहा है। यहां न केवल गिद्धौर बल्कि आसपास के अन्य गांवों से भी लोग मां दुर्गा का दर्शन करने आते हैं। मेला में खेल, तमाशा के साथ साथ खाने पीने की वस्तुओं और अन्य वस्तुओं की दुकानें लगाई गई है। खूबसूरत पंडाल और लाइटिंग लोगों को आकर्षित कर रही है। मेले का विधिवत उद्घाटन महाष्टमी को किया जायेगा। पूजा संपन्न कराने के लिए देवघर से विद्वान पंडा जी आयेंगे। समिति में समर्पित भाव से सेवा करने वाले नवयुवकों को जगह दी गई है। मेला परिसर में गाड़ियों के आवागमन पर रोक लगाई गई है। वैकल्पिक रास्तों से लोग आयेंगे और निर्धारित पार्किंग में गाड़ियां खड़ी करेंगे।
शारदीय दुर्गा पूजा सह लक्ष्मी पूजा समिति के कोषाध्यक्ष सुबोध कुमार केशरी ने बताया कि यहां का मेला अब वृहद स्तर पर बढ़ा है। ग्रामीणों से चंदा, तहबाजारी, मुंडन संस्कार एवं पाठा बलि से समिति को आर्थिक सहयोग मिलता है, इसी सार्वजनिक सहयोग से पूजन कार्य आदि निष्पादित कराया जाता है। बीते वर्षों में समिति का आय बढ़ा है तो व्यय में भी बढ़ोतरी हुआ है। 

पत्रकार वार्ता के दौरान शारदीय दुर्गा पूजा सह लक्ष्मी पूजा समिति के संतोष कुमार सिंह उर्फ लड्डू जी, प्रभाकर कुमार उर्फ चिंटू जी, सुनील कुमार, नीतीश कुमार, रंजीत रावत सहित स्थानीय ग्रामीण नटवर सिंह, जयप्रकाश गुप्ता, मंटू रावत, विक्की कुमार सहित बड़ी संख्या में समिति के अन्य पदाधिकारी एवं कार्यकारिणी सदस्य व ग्रामीण मौजूद रहे।

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