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रविवार, 22 सितंबर 2024

जमुई : हिंदी पखवारा पर पगडंडी ने किया दिनकर जयंती सह सम्मान समारोह का आयोजन

जमुई/बिहार (Jamui/Bihar), 22 सितंबर 2024, रविवार : समग्र भारत न्यास का साहित्यिक, सांस्कृतिक और बौद्धिक प्रकल्प पगडंडी जमुई के तत्वावधान में जमुई स्थित सगुन वाटिका में दिनकर जयंती के अवसर पर संगोष्ठी सह सम्मान समारोह का आयोजन किया गया। इस आयोजन में जिले भर के साहित्यिक बुद्धिजीवियों ने हिस्सा लिया।
कार्यक्रम की शुरुआत प्रो. डाॅ. गौरीशंकर पासवान, अशोक कुमार राय, अजय कुमार सिंह, किरणदेव सिंह, डाॅ. मासुम अहमद और डाॅ. रविश कुमार सिंह ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्ज्वलित कर किया। मंगलाचरण का वाचन मिथिलेश पाण्डेय ने किया। आगत अतिथियों के सम्मान में स्वागत गीत साक्षी पंडित और स्नेहा भारती ने गाया। शास्त्रीय नृत्य कत्थक दीपक कुमार सिंह ने प्रस्तुत कर कार्यक्रम को मुग्धकारी बना दिया, जबकि दिनकर की रचनाओं को स्वर देते हुए प्रोफेसर डाॅ. किरणदेव सिंह ने कार्यक्रम को संगीतमय स्वरूप प्रदान किया। 
भारत का वर्तमान और दिनकर की प्रासंगिकता पर बोलते हुए अशोक कुमार राय ने अपने बीज वक्तव्य के साथ विषय प्रवेश कराया। बतौर मुख्य अतिथि हरि सिंह महाविद्यालय खड़्गपुर के हिन्दी विभागाध्यक्ष प्रो. डाॅ. सुनील कुमार ने दिनकर की प्रासंगिकता पर बात रखते हुए कहा कि दिनकर ने कालजयी कृतियाँ रची हैं। उनके विचार उनका साहित्य वर्षों-वर्षों तक प्रासंगिक रहेंगे। युगधर्म की अभिव्यक्ति अप्रासंगिक हो ही नहीं सकती।
एसके काॅलेज लोहंडा के प्रिंसिपल प्रो. अनील कुमार सिंह ने कहा कि दिनकर जी ने भारतीय युवाओं को ओज का पाठ पढ़ाते हुए तटस्थता से बचने की सलाह दी। उन्होंनें समर में संघर्ष को अनिवार्य बताया। प्रो. गौरीशंकर पासवान के अनुसार दिनकर भारतीय आत्मा की शक्तिशाली आवाज थे। वे युग की मांग और मर्यादा का ख्याल रखते हुए देश को संघर्ष हेतु प्रेरित किया।
कार्यक्रम के दौरान पूर्व के वर्षों की भाँति इस वर्ष भी सम्मान समारोह का आयोजन किया गया। इसमें खगड़िया के साहित्यकार विकास सोलंकी को पंडित जगन्नाथ प्रसाद चतुर्वेदी हिन्दी सेवी सम्मान से सम्मानित किया गया। यह सम्मान साहित्य में किसी भी विधा में उत्कृष्ट मौलिक लेखन के लिए दिया जाता है।
जमुई के ही मिट्टी के धरोहर भक्तकवि अर्जुनदास सरस्वती सम्मान दो लोगों को गायन और शिक्षण तथा संस्कृति संरक्षण के क्षेत्र में क्रमशः जमुई संगीत घराने की गतिविधि को बढ़ावा देने के लिए बजरंगी लाल गुप्ता की परंपरा को आगे बढ़ाने वाली पिंकी कुमारी तथा सामाजिक सरोकार से जुड़े प्रखर व्यक्तित्व अजय कुमार सिंह महादेव सिमरिया को प्रदान किया गया।
इसके साथ ही तीन लोगों को नेतृत्व प्रतिदर्श सम्मान प्रदान किया गया है। नेतृत्व प्रतिदर्श सम्मान किसी भी क्षेत्र में बढ़-चढ़ कर काम करने वाले दिया जाता है। सेवानिवृत्ति के बाद भी अपनी मजबूत इच्छा-शक्ति से पत्रकारिता के क्षेत्र में सक्रियता के लिए अशोक कुमार सिन्हा, सजग और निर्भीक पत्रकारिता विशेषतः नदी-पारिस्थितिक तंत्र संरक्षण की दिशा में काम करने के कारण अरविंद कुमार सिंह और सामाजिक क्षेत्र में पशु सेवा के लिए सत्यजीत मेहता को नेतृत्व प्रतिदर्श सम्मान से सम्मानित किया गया।
लछुआड़ के निवासी पूर्व मुखिया शक्तिधर मिश्र को बाड़ी संस्कृति विकसित करने तथा पर्यावरण संरक्षण की दिशा में अनोखे नवाचार के लिए ग्रीन प्लेनेट नेचरशीप अवार्ड से सम्मानित किया गया। इससे इतर 27 लोगों को ग्लोबल नेचरशीप अवार्ड प्रदान किया गया। जिनमें जमुई से धीरज कुमार सिंह, जमादार सिंह, संतोष कुमार सुमन, शैलेश कुमार, चंदन मिश्र, सुशांत साईं सुन्दरम, रामरतन सिंह, नीरज कुमार सिंह, विश्वजीत कुमार, सौरभ कुमार मिश्र, सुनील सागर, अभिलाष कुमार, मो. रिजवान खान,संजीव कुमार सिंह, विक्की कुमार, चुनचुन कुमार, संजय सिंह, राणा प्रताप, मुंगेर से डाॅ. सुनील कुमार, शेखपुरा से प्रभात कुमार, चंपारण से मो . एहरारु जमा, गोवा से कर्णपाल के सिंह व अन्य शामिल हैं। 
कार्यक्रम की अध्यक्षता समग्र भारत न्यास और पगडंडी जमुई के अध्यक्ष डाॅ. रविश कुमार सिंह ने की, जबकि मंच संचालन पगडंडी जमुई के उपाध्यक्ष संजय कुमार सिंह और सचिव डाॅ.शैलेन्द्र कुमार ने किया। कार्यक्रम के द्वितीय सत्र में कविगोष्ठी का आयोजन हुआ, जिसमें शीर्ष के कवियों ने अपनी ओजस्वी प्रस्तुति दी। कार्यक्रम में जवाहर सिंह, सुबोध कुमार सिंह, उत्कर्ष अंबष्ट, मनीष नंदन, ब्रजेश भारती,पुरुषोत्तम कुमार सिंह वशिष्ठ सिंह, बलवंत सिंह, प्रो.बविता कुमारी, डाॅ.नूतन सिंह, सुशांत साईं सुन्दरम आदि के अलावे बड़ी संख्या में लोगों की उपस्थिति रही।

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