जमुई/बिहार (Jamui/Bihar), 4 जुलाई 2024, गुरुवार : मगही भाषा को आठवीं अनुसूची में शामिल करने के लिए "मगध मिशन "के संस्थापक जमुई निवासी मिथलेश यदुवंशी के नेतृत्व में बिहार एवं झारखण्ड सरकार व केंद्र सरकार को लिखित आवेदन भेजकर इस भाषा को शामिल करने की मांग करेंगे. मगही भाषा को आठवीं अनुसूची में शामिल करने को लेकर बिहार और झारखण्ड प्रदेश मे "मगध मिशन" के तहत एक मुहिम चलाया जायेगा और इस मुहिम के तहत मगही भाषा को बोलने वाले लोगों को ज्यादा से ज्यादा जोड़ा जायेगा ताकि इस भाषा को शामिल कराने को लेकर चलाये जाने वाले मुहिम को ताकत मिले. मगध मिशन के संस्थापक मिथलेश यदुवंशी ने बताया कि मगही भाषा को आठवीं अनुसूची में शामिल करने को लेकर सरकार से भाषाओ से संबंधित अपना मांग करेंगे.
मिथलेश यदुवंशी ने कहा कि मगही भाषा भारत के मध्य पूर्व में बोली जाने वाली एक प्रमुख भाषा है मगही भाषा से ही,भोजपुरी ,मैथिली ,अंगिका, वज्जिका ,खोरठा , भाषा को निकाला गया है, क्योंकि मगही भाषा दुनियां की सबसे मीठी और मधुर भाषा है, देश दुनिया में इस मगही भाषा को लगभग 30 मिलियन से अधिक लोग बोलते हैं मगही भाषा को मान्यता मिल जाने से बिहार एवं झारखंड प्रदेश के मगही भाषी गायक कलाकारों को काफी फायदा होगा और यहां के होनहार प्रतिभाओं को निखरने का अवसर प्राप्त होगा. बताते चलें मिथलेश यदुवंशी ने ये भी बताया कि मगध मिशन के तहत जल्द ही देश के तमाम मगही भाषी गायक व कलाकारों को एकत्रित कर मजबूती के साथ सरकार से अपनी मांग रखेंगे.
अब तक आठवीं अनुसूचि मे कुल 22 भाषाएँ शामिल है जिसमे असमिया, बांगला,गुजराती, हिंदी, कन्नड़,कश्मीरी, कोंकनी,मलयालम, मनीपुरी, मराठी,नेपाली, उड़िया, पंजाबी,संस्कृत, तमिल,सिंधी,तेलगु, उर्दू, बोडो,संथाली, मैथिलि और डोगरी भाषा शामिल है. मगही भाषा को लेकर "मगध मिशन" के सदस्य गीतकार अमन अलबेला, सुनील कुमार, मुरारी कुमार, गौरी, सचिन, आदित्य शशि, धर्मेंद्र,मिथिलेश यादव, दिलीप, मनोज कुमार, रंजन कुमार,छोटू, व अन्य मगध भाषियों ने इस भाषा को आठवीं अनुसूची मे शामिल कराने के लिए इक्षा जाहिर किया.
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