गिद्धौर/जमुई। गिद्धौर प्रखंड क्षेत्र में काले मुंह वाले लंगूरों के आतंक से लोग दहशत में हैं। लोग घर के छत, सब्जी के खेत, सड़क पर सब्जी लेने जाते बच्चे अपने आप को सुरक्षित महसूस नहीं कर पा रहे हैं। कारण की अत्यधिक गर्मी की वजह से नदी, तालाब सूख गए हैं। इसलिए पानी की तलाश में लंगूरों का जत्था घूमते हुए गिद्धौर के घनी आबादी क्षेत्र की ओर आ पहुंचा है। जिससे लोगों को सड़क पर आवाजाही करने में भी खासकर बच्चे को हमेशा भय बना रहता है कि कहीं लंगूर के चपेट न ले या फिर उन्हें घायल कर दे।
विशेष रूप से गिद्धौर के पंच मंदिर मुहल्ले में लंगूरों के आतंक से लोग परेशान हैं। राहगीर और स्कूली बच्चों का गली मोहल्लों से लेकर मुख्य मार्गो से गुजरना मुश्किल हो गया है। लंगूर मकानों की छतों पर जम कर उत्पात मचाते हुए टंकियों के ढक्कन खोल कर उसके पानी में जम कर नहाते हैं। यदि कोई उन्हें भगाने जाए तो वह उसे काटने के लिए दौड़ते हैं। इसके अलावा बंदर छतों पर सुखाने के लिए लटकाए गए कपड़ों को भी फाड़ देते हैं और फेंक देते हैं। गायत्री मंदिर के निकट रहने वाली गृहणी कामिनी सिन्हा बताती हैं कि उनकी रसोई में लंगूरों ने जमकर उत्पात मचाया। एक साथ रसोई में चार लंगूर घुस गए और सारा सामान बिखेर दिया। मर्तबान फोड़ दिया और फल, सब्जियां लेकर चले गए। स्थानीय निवासी राजीव सिंह, अंजू कुमारी, ललिता देवी, शालू ने बताया कि लंगूरों का आतंक काफी अधिक बढ़ गया है। घर की छतों पर रखी पानी की टंकियों के ढक्कन तोड़ कर उसमें नहाते हैं। आंगन में उत्पात मचाते हैं। ये लंगूर कब किस पर हमला कर दे और सामान छीन ले कहां किसकी छत पर का कपड़ा लेकर भाग जाए कहा नहीं जा सकता। लंगूरों के आतंक से लोग परेशान है। लंगूर आने जाने वालों को रोक कर सामान छीन ले जाते हैं। स्थानीय राजो पंडित ने कहा कि अधिक संख्या में लंगूरों के आ जाने से हम बुजुर्गों को काफी डर सताने लगा है। जानू बेवफा चाय दुकान के राहुल कुमार छोटू ने कहा कि अत्यधिक लंगूर हो जाने के कारण मोहल्ले में उनका आतंक बढ़ गया है, मेरे दुकान के बाहर लटकता हुआ चिप्स, कुरकुरे का पैकेट बंदर ले भागते हैं, जिससे नुकसान होता है। ग्रामीणों ने प्रशासन से उचित कदम उठाते हुए इनसे निजात दिलाने का अनुरोध किया है।
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