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रविवार, 26 नवंबर 2023

अलीगंज : पर्याप्त बारिश न होने से सुखाड़ की स्थिति, नमी के कारण नहीं हो पा रही रबी फसल की बुआई

अलीगंज/जमुई (Aliganj/Jamui), 26 नवंबर 2023, रविवार
✓ रिपोर्ट : चंद्रशेखर सिंह
सुखाड़ की वजह से धान की फसल गंवा चुके किसान अब रबी फसल की बुआई में खेतों में नमी की कमी से परेशान हैं। खेतों में नमी नहीं होने के कारण किसानों को खेत का पटवन करने के बाद जुताई करनी पड़ रही है। इससे खर्च में इजाफा होने से उनकी माली हालत खराब हो रही है। सरकारी स्तर पर इस मामले में किसी प्रकार की मदद की उम्मीद भी नहीं की जा सकती। अधिकांश सरकारी नलकूप बंद पडे़ हैं।

वहीं नहरों में पानी का नामोनिशान तक नहीं। इस हालत में निजी पंपसेट के सिवा कोई दूसरा विकल्प नहीं दिखता। खाद-बीज की खरीद पर रुपये खर्च करने के बाद शुरुआती पटवन किसानों के लिए एक नई समस्या बनकर सामने आई है। गत वर्ष रबी फसल को ऐन वक्त पर तेज आंधी-पानी ने बर्बाद किया था। फिर खरीफ फसल सुखाड़ से बर्बाद होने के बाद खेतों में नमी की कमी से किसान खासे परेशान हैं।

किसान प्रभुदयाल सिंह, ब्रह्मदेव सिंह, मनोज यादव, गोरेलाल यादव, सुरेश यादव, शरण सिंह, अर्जुन सिंह, धर्मेन्द्र कुशवाहा सहित अन्य किसानों ने बताया कि पहले तो तीन साल से पर्याप्त बारिश नही होने से धान की फसल खत्म हो गई। अब तो पर्याप्त बारिश नहीं होने से जलस्तर काफी नीचे खिसक गया है। कई पंप सेट फेल हो गए हैं। खेतों में नमी के कारण पटवन कर रवि फसल लगाने को विवश हैं। जो किसानों को दोहरा खर्च करना पड़ रहा है।

किसान बताते हैं कि कुछ ही किसानों के पास पंपसेट है। इधर पहाड़ तलहटी किनारे इलाके होने के कारण बोरिंग भी काफी मशक्कत के बाद होता है। इससे भी काफी कम पानी मिल पाती है। किसान बताते हैं कि तीन वर्षों से प्रखंड क्षेत्र मे सुखाड़ की स्थिति बनी हुई है। 
बता दें कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार स्वयं सुखाड़ की स्थिति देखने वर्ष 2022 मे आये थे। उन्होंने आकस्मिक फसल का लाभ किसानो को देने के लिए अधिकारियों को निर्देशित भी किया था। यहां के किसानो ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से सकरी वराज तथा गंगा से पानी लाकर नाटा व घोरघट नदी मे गिराने की मांग किया था। जिस पर आज तक कोई सकारात्मक पहल नही की गई। नतीजतन बारिश नहीं होने से सिंचाई के कारण खेत सूखे पड़े है। 

प्रखंड क्षेत्र मे रवि फसल की कुल बुआई निम्न प्रकार है:
  • गेंहू - 1000 हेक्टेयर
  • मसूर - 115 हेक्टेयर
  • मक्का - 170 हेक्टेयर
  • जौ - 115 हेक्टेयर
  • चना - 250 हेक्टेयर
  • राई - 70 हेक्टेयर
  • मटर - 20 हेक्टेयर
  • अन्य दलहनी - 90 हेक्टेयर
  • सुर्य मुखी - 8 हेक्टेयर

लेकिन खेतो मे नमी नही रहने के कारण रवि फसल की बुआई पर संकट मंडरा रहा है। जिससे किसानो में चिन्ता व्याप्त है।बता दें कि अलीगंज प्रखंड क्षेत्र मे चार वर्षो से पर्याप्त बारिश नहीं होने से खेतो की नमी के साथ जलस्तर काफी नीचे खिसक चुका है। जिससे जल संकट समस्या बढती जा रही है।

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