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बुधवार, 4 अक्टूबर 2023

गिद्धौर प्रखंड के 87 आंगनबाड़ी सेविका-सहायिका हड़ताल पर, केंद्र बंद, योजनाएं प्रभावित

गिद्धौर/जमुई (Gidhaur/Jamui), 4 अक्टूबर 2023 : बिहार राज्य आंगनबाड़ी कर्मचारी यूनियन के आह्वान पर अपनी 7 सूत्री मांगों को लेकर गिद्धौर प्रखंड के कुल 87 आंगनबाड़ी केंद्रों के सेविका व सहायिका के अनिश्चितकालीन हड़ताल पर हैं, इससे सरकार द्वारा संचालित कई योजनाएं प्रभावित होती दिख रही है। प्रखंड के लगभग सभी आंगनबाड़ी केंद्रो पर ताले लटक रहे हैं, जिससे आंगनबाड़ी का रूख करने वाले नौनिहालों के चेहरे पर मायूसी देखी जा रही है। यहां तक की टीकाकरण , पोषण माह जैसी महत्वपूर्ण सरकारी योजनाओं पर भी अब प्रभाव पड़ने लगा है।

लाभुक बताते हैं कि गिद्धौर प्रखंड क्षेत्र के कुल 87 सेविका और सहयिका के हड़ताल से आंगनबाड़ी केंद्रों पर एक साथ ताला लटक गया है, परिणामतः बहुत से सरकारी कल्याणकारी योजनाओं पर प्रभाव पड़ रहा है। बच्चों की शिक्षा पर विराम लग गया है। लाभुक बताते हैं कि धात्री महिलाओं को मिलने वाले लाभ से भी वे वंचित हैं। पोषण चक्र भी ध्वस्त होने के कगार पर आ गई है। बरहाल जो हो, सेविका -साहियिका के हड़ताल ने आंगनबाड़ी तंत्र को पूरी तरह से बेपटरी कर रखा है, जिसपर विभाग भी आलाकमान के फरमान की आस ताक रही है।
विभाग ने की थी सूची की मांग, पर्यवेक्षक की थी जिम्मेदारी
बीते 29 सितंबर से शुरू हुए इस हड़ताल में शामिल सेविका और सहायिका के समुचित आंकड़े और आवश्यक कार्रवाई के लिए इसके दो दिन पूर्व सीडीपीओ गिद्धौर ने अपने कार्यालय से निर्गत पत्रांक 468 के माध्यम से सभी महिला पर्यवेक्षिका को निर्देशित करते हुए हड़ताल में शामिल नहीं होने वाले सेविका और सहायिका से आवेदन मांगी गई थी,जिससे विभाग को सूची दी जा सके।  

प्रदर्शन के बाद मामले ने पकड़ा तूल
बीते दिन बाल विकास परियोजना कार्यालय गिद्धौर के समक्ष दर्जनों की संख्या में आंगनबाड़ी सेविका सहायिका ने अपनी मांगों की पूर्ति के लिए प्रदर्शन करते हुए अपने आवाज को बुलंद किया। बीते 29 सितम्बर से लगातार हड़ताल और विभिन्न जगहों पर हो रहे प्रदर्शन के मामले ने तूल पकड़ लिया है। बताया जाता है कि कई सामाजिक संगठन अब आंगनबाड़ी कर्मियों के समर्थन में आ गए हैं।

नाम न छापने के शर्त पर एक आंगनबाड़ी कर्मी बताती हैं कि वर्तमान परिपेक्ष्य में आंगनबाड़ी कर्मियों के कंधे पर विभागीय कार्यों के अलावा महंगाई का भी बोझ है, जिसे हल्का करने में सरकार पिछड़ रही है। इससे आंगनबाड़ी कर्मियों का शोषण हो रहा है। यदि यहीं प्रदर्शन से सरकार हमारी मांगों को अनसुना करेगी तो यूनियन के बैनर तले राज्यव्यापी प्रदर्शन की जाएगी।

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