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मिलेट विषय पर कार्यशाला आयोजित, डीएम बोले - श्रीअन्न की जननी है जमुई की भूमि

जमुई (Jamui), 28 अप्रैल 2023 : जिला कलेक्टर अवनीश कुमार सिंह ने कहा है कि श्रीअन्न (मिलेट) की जननी जमुई की भूमि है। आज इसका उत्पादन संसार के सैकड़ों देशों में हो रहा है। डीएम ने चकाई स्थित फाल्गुनी प्रसाद यादव कॉलेज में "श्रीअन्न से लाभ " विषय पर आयोजित कार्यशाला का दीप प्रज्वलित कर शुभारंभ करते हुए उक्त बातें कही। बाल विकास परियोजना पदाधिकारी ने " प्रदान " नामक संस्था के सहयोग से संबंधित कार्यशाला का आयोजन किया। इसमें बड़ी संख्या में संबंधित जनों ने हिस्सा लिया और अपना क्षमतावर्धन किया। उन्होंने कहा कि भारत की प्रेरणा से संयुक्त राष्ट्र संघ ने वर्ष 2023 को अंतर्राष्ट्रीय मिलेट वर्ष घोषित किया है। 
 डीएम ने कहा कि आज भी भारत कृषि प्रधान देश है। किसान अर्थव्यवस्था की रीढ़ हैं। इस रीढ़ को और मजबूत करने की आवश्यकता है। सरकार ने किसानों की चिंता की और उन्हें आत्म निर्भर बनाने के लिये विभिन्न कल्याणकारी योजनाएं लागू की है। उन्होंने  कोदो , कुटकी , सांबा , रागी , ज्वार , बाजरा जैसे श्रीअन्न (मोटे अनाज) के उत्पादन को प्रोत्साहित करने के लिये किसानों को 80 प्रतिशत अनुदान दिए जाने की जानकारी देते हुए कहा कि उत्पादित फसल की प्रोसेसिंग , पैकेजिंग और मॉर्केटिंग के लिये भी आवश्यक प्रबंध किये जा रहे हैं।

उन्होंने  आंगनवाड़ी केंद्रों में सप्ताह में एक दिन पोषण आहार के रूप में श्रीअन्न परोसे जाने पर बल दिया। डीएम ने कहा कि जमुई में प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने के लिये गो-पालन को भी प्रोत्साहित किया जा रहा है। उन्होंने आशा व्यक्त की कि अंतर्राष्ट्रीय मिलेट वर्ष में सरकार की पहल रंग लायेगी और भारत का श्रीअन्न पूरी दुनिया में छा जाएगा। 
  डीएम ने चकाई समेत जमुई जिला जैसे अल्प सिंचित क्षेत्र के लिए मिलेट यानी श्रीअन्न को अत्यंत लाभकारी फसल करार देते हुए कहा कि इसका उत्पादन कर किसान के साथ दीदी आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बन सकते हैं। उन्होंने चकाई कोदो उत्पादक समूह द्वारा डेढ़ सौ किलो लड्डू केंद्र सरकार को भेजे जाने की बात - बताते हुए कहा कि यह जमुई जिला समेत बिहार के लिए गर्व की बात है।
   
  जिलाधिकारी ने चकाई भ्रमण के क्रम में कुसमा उत्पादन केंद्र गए और वहां मिलेट उत्पाद निर्माण का अवलोकन किया। उन्होंने वहां अत्याधुनिक तकनीक से लैस मशीन लगाए जाने का ऐलान किया। डीएम ने बाल विकास परियोजना पदाधिकारी को पायलट प्रोजेक्ट के अन्तर्गत 10 आंगनवाड़ी केंद्रों के बच्चों को प्रतिदिन सेनेक्स के रूप में महुआ का लड्डू दिए जाने का प्रस्ताव बनाकर जिला प्रशासन को भेजे जाने का निर्देश दिया। उन्होंने गर्भवती महिलाओं के लिए मिलेट को अत्यंत लाभकारी बताते हुए कहा कि इसका व्यापक प्रचार - प्रसार किए जाने की जरूरत है।
उन्होंने कहा कि कार्यशाला के सकारात्मक परिणाम आयेंगे , जिसका लाभ पूरे जिले को मिलेगा। कोदो बाजार किसान उत्पादक संगठन की दीदियों ने मौके पर मिलेट उत्पादन एवं उसके प्रसंस्करण तथा मिलेट कुकीज लड्डू के निर्माण की पूरी प्रक्रिया बताई और अपनी सफलता की कहानी का उल्लेख किया।

      बाल विकास परियोजना पदाधिकारी श्रीमती ज्योति ने पावर पॉइंट प्रजेंटेशन के जरिए मिलेट के इतिहास को अंकित किया और सरकार द्वारा देय सुविधाओं से उपस्थित जनों को रूबरू कराया। कार्यशाला ज्ञानवर्धन वातावरण में संपन्न हो गया।

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