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बिहार के 308 थाने को होगा अपना भवन, 400 का होगा कायाकल्प, टेंडर जारी



पटना/बिहार। 15 - 20 वर्ष पहले बिहार पुलिस किराए के भवन में चलती थी। यानी जिस भवन में पुलिस पदाधिकारी और जवान रहते थे , उन सबों को उसके छत कब गिर जाएं और जान चली जाए यह डर सताए रहता था । यूं कहें कि बिहार पुलिस ठेलको सिस्टम पर निर्धारित था। नीतीश कुमार ने पहले उस ठेलको सिस्टम को ख़त्म किया। बिहार पुलिस को  नए वाहन देकर उन्हें स्मार्ट पुलिस बनाया । अब थाने को किरायामुक्त करने की बारी थी। 

   

 सूबे में क़रीब 1300 थाना और पुलिस ओपी है। इसमें 308 ऐसे थाना थे जिनका अपना भवन नहीं था या भूमिहीन था। कहें तो सैकड़ों थाना किराए पर चल रहा था या दूसरे किसी सार्वजनिक भवन में। आज़ादी के 75 साल तक अपने सिस्टम के मारे शोषण के शिकार रहे पुलिस थाना को अपना अधिकार मिलने जा रहा है। इसमें अहम भूमिका निभाई है बिहार पुलिस भवन निर्माण विभाग के सीएमडी सह डीजी विनय कुमार ने । 

     

डीजी विनय कुमार के दो वर्षों की सेवा काल पर गौर करेंगे तो पाएंगे की वित्तीय वर्ष 2022 - 23 में 156 और 2023 - 24 में 152 नये थाने का निर्माण होना है। ज़मीन अधिग्रहण की प्रक्रिया पुरी कर ली गयी है एवं थाना भवन निर्माण के लिए टेंडर भी सिलसिलेवार तरीके से निकाला जा रहा है। 


वर्ष 2025 तक 308 नये थाना भवन के निर्माण का लक्ष्य दिया गया है। गुणवत्तापूर्ण ढंग से निर्माण हो , इसके लिए निगरानी कमिटी गठित की गई है। 

  

सर्वविदित है कि एक थाना भवन के निर्माण पर क़रीब 06 - 07 करोड़ रूपये खर्च किए जाने का अनुमान है। बिहार में अब एक भी थाना भूमिहीन और भवनहीन नहीं रहेगा। इसके साथ ही 400 थाना के जर्जर भवन का भी कायाकल्प करने का निर्णय लिया गया है। इसका भी सिलसिलेवार तरीके से टेंडर निकाला जा रहा है। 


पुलिस जिला नौगछिया , किशनगंज , शेखपुरा , अररिया , मधेपुरा , मधुबनी , गोपालगंज , बांका आदि दर्जनों ज़िले में पुलिस लाइन निर्माण का काम भी प्रगति पर है। नीतीश काल में 2005 से 2023 तक पर गौर करें तो 542 नये थाना भवन का निर्माण हुआ है।

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