पटना (Patna), 7 मार्च : बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (CM of Bihar Nitish Kumar) की पार्टी जेडीयू (JDU) ने अपनी गठबंधन सहयोगी आरजेडी (RJD) से फिर अलग स्टैंड लिया है। नीतीश कुमार की पार्टी ने केंद्रीय एजेंसियों के दुरुपयोग को लेकर विपक्षी दलों की ओर से पीएम नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) को लिखी चिट्ठी से दूरी बना ली है। पीएम को खत लिखने वाले दलों में आरजेडी का नाम भी शामिल है जो बिहार के सत्ताधारी महागठबंधन (Mahagathbandhan) का सबसे बड़ा घटक दल है।
नौ विपक्षी दलों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर विरोधी नेताओं के खिलाफ केंद्रीय एजेंसियों का दुरुपयोग करने के आरोप लगाए हैं। इस मुद्दे पर बिहार के सत्ताधारी महागठबंधन में मतभेद फिर से सामने आए हैं। नीतीश कुमार की पार्टी जनता दल यूनाइटेड (जेडीयू) ने इस मुद्दे से दूरी बना ली है। कुछ दिन पहले तक विपक्षी एकजुटता की वकालत करते नजर आए नीतीश कुमार की पार्टी के इस स्टैंड को लेकर तरह - तरह की चर्चा शुरू हो गई है।
बिहार के सियासी गलियारों में इस चर्चा ने फिर से जोर पकड़ लिया है कि क्या नीतीश कुमार ने भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) को लेकर नरम रुख अख्तियार कर लिया है ? यह चर्चा इसलिए भी हो रही है क्योंकि सत्ताधारी महागठबंधन के सबसे बड़े घटक राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) ने भी पीएम मोदी को लिखे इस पत्र पर हस्ताक्षर किए हैं।
गौरतलब है कि एक दिन पहले ही विपक्षी नेताओं ने विरोधियों के खिलाफ केंद्रीय एजेंसियों के दुरुपयोग को लेकर पीएम मोदी को पत्र लिखा था। पीएम को पत्र लिखने वालों में पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी (CM of West Bengal Mamta Banerjee), दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal), तेलंगाना के मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव और अन्य क्षेत्रीय नेता शामिल हैं।
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