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गिद्धौर : प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय द्वारा महाशिवरात्रि पर कार्यक्रम आयोजित

गिद्धौर/जमुई (Gidhaur/Jamui), 13 फरवरी : प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय के द्वारा गिद्धौर के गुलाब रावत टाउन हॉल के परिसर में बीते गुरुवार, 9 फरवरी को महा शिवरात्रि के पावन पर्व पर कार्यक्रम आयोजित किया गया। कार्यक्रम की भव्यता शिवलिंग के रूप में दर्शाई गई।

इस कार्यक्रम में बेगूसराय से पधारी राजयोगिनी ब्रह्माकुमारी कंचन दीदी जी ने कहा कि ज्योति बिंदु स्वरूप परमात्मा शिव जयंती महोत्सव के रूप में पूरे विश्व में मनाया जाता है। अधर्म का विनाश करने के लिए परमात्मा को इस धरा धाम पर अवतरित होने के लिए आना पड़ता है और यह वही समय है जहां चारों ओर काम, क्रोध, लोभ, मोह, अहंकार एवं भ्रष्टाचार में यह समाज वशीभूत है। ऐसे समय पर ही भगवान ज्योति बिंदु स्वरूप परमात्मा शिव जयंती के स्वरूप में मनाया जाता है।
उन्होंने कहा कि फागुन मास के कृष्ण पक्ष में मनाने जाने वाली शिवरात्रि महाविनाश से थोड़ी समय पूर्व परमात्मा के दीप अवतरण का यादगार है। ऐसे ही समय में जब ईश्वरीय ज्ञान प्राय लोप हो जाता है, तब ज्योति बिंदु स्वरूप परमात्मा अधर्म का विनाश करने, सत्य धर्म की स्थापना करने के लिए अवतरित होते हैं। शिवरात्रि के दिन भगत शिवलिंग पर धतूरा, बेल, बेलपत्र इत्यादि चढ़ाते हैं। रात्रि जागरण करते हैं एवं अन्य का व्रत करते हैं। परंतु वास्तव में परमात्मा शिव पर यथार्थ रूप से क्या चढ़ाना चाहिए और किस प्रकार से व्रत का पालन करना चाहिए इसके अध्यात्मिक रहस्य को समझने की आवश्यकता है। तभी स्वयं का और संपूर्ण विश्व का कल्याण संभव है। धतूरा विकार का, बैर नफरत का और बेलपत्र बुराइयों का प्रतीक है।

अतः हमें परमात्मा शिव पर विकारों, विषय, वासना एवं बुरी आदतों को चढ़ाना चाहिए। अर्थात क्या करना चाहिए वास्तव में शिवरात्रि वर्तमान कलयुग के अंत और सतयुग के प्रारंभ में बीच के समय का संगमयुग का नाम है। जब स्वयं निराकार परमात्मा शिव साकार मानवीय तन प्रजापिता ब्रह्मा के तन में अवतरित होकर मनुष्य आत्माओं से विकारों और बुराइयों का ईश्वरीय ज्ञान और राजयोग की शिक्षा देने आते हैं। अतः शिवरात्रि पर विकारों एवं बुराइयों से व्रत रखें रात्रि जागरण का आध्यात्मिक रहस्य है कि परमात्मा शिव के वर्तमान समय के अवतरण के काल में हम अपनी आत्मा की ज्योति को जगाए।

लखीसराय से पधारी राजयोगिनी ब्रह्माकुमारी रीता दीदी ने ज्ञान की गहराइयों पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि श्रेष्ठ ज्ञान के लिए श्रेष्ठ स्थान की आवश्यकता होती है। इसलिए नित्य दिन हमें राजयोग केंद्र पर आकर ईश्वरीय ज्ञान को धारण करना चाहिए।
इस मौके पर झाझा विधायक दामोदर रावत ने कहा कि हमें अपने कर्मों पर बहुत ध्यान देना है। आध्यात्म और शांति में ही सुखमय जीवन जी सकते हैं।
मंच संचालन बेगूसराय के ब्रह्माकुमार राजऋषि भाई ने किया। इस अवसर पर गिद्धौर थाना प्रभारी ब्रिज भूषण सिंह, जिला पार्षद अनीता देवी, पूर्व प्रखंड प्रमुख शंभू केशरी, गायत्री परिवार के सुखदेव बरनवाल, समाजसेवी गुरुदत्त प्रसाद सहित अन्य लोग मौजूद रहे।

स्थानीय सेवा केंद्र की ब्रह्माकुमारी सरिता दीदी ने अंत में अतिथियों का धन्यवाद ज्ञापन किया। इस संस्था का ज्ञान देते हुए उन्होंने कहा कि राजयोग का अभ्यास करने से ही सब समस्याओं का समाधान होगा।
उन्होंने सात दिवसीय कार्यक्रम सेवा केंद्रों पर आयोजित होने वाले कार्यक्रम की सूचना दी और कहा कि सेवा केंद्रों पर सुबह 7 बजे और संध्या बेला 5 बजे राजयोग मेडिटेशन शिविर सात दिवसीय कार्यक्रम आयोजित हो रहे हैं। सभी लोग इस कार्यक्रम में अवश्य शामिल हो और इस राजयोग के द्वारा परमात्मा शिव का संपूर्ण ज्ञान अवश्य प्राप्त करें।

इस अवसर पर बड़ी संख्या में महिला–पुरुष मौजूद रहे।

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