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जमुई : चतुर्थ कृषि रोड मैप को लेकर एक दिवसीय कार्यशाला आयोजित, जिला के साथ राज्य की दिशा होगी तय

जमुई (Jamui), 15 दिसंबर : जिला कलेक्टर अवनीश कुमार सिंह ने जिला कृषि कार्यालय, मलयपुर के परिसर में चतुर्थ कृषि रोड मैप को लेकर आयोजित कार्यशाला का दीप प्रज्वलित कर उद्घाटन करते हुए कहा कि इस बार कृषि रोड मैप आने वाली पीढ़ी को ध्यान में रखकर बनाया जाएगा। यह मैप जिला के साथ राज्य की दिशा तय करेगी। इसमें अन्नदाताओं के सुझाव को शामिल किया जाएगा।

उन्होंने आगे कहा कि सरकार के निर्देश पर पहली बार जिले के प्रगतिशील किसानों से फीड बैक लिया जा रहा है। किसानों के द्वारा दिए गए सुझावों को कृषि रोड मैप में शामिल करते हुए इसे उनके हित में तैयार किया जाएगा। किसान खेती से सम्बंधित समस्याओं को सुझाव के जरिए उपलब्ध कराएं। उनकी बेहतरी के लिए इसे संकलित कर विभाग को भेजा जाएगा।

विभाग को भेजे गए किसानों के सुझाव की प्रति को जिले के बेवसाइट पर अपलोड किया जाएगा ताकि हर कृषक इससे वाकिफ हो सकें। साथ ही सुझाव की प्रति कृषि समन्वयक और किसान सलाहकार के पास भी उपलब्ध रहेगा। कोई भी किसान सम्बंधित कर्मी के पास जाकर इसे देख सकते हैं। इससे उन्हें मालूम होगा कि उनका सुझाव विभाग को भेजा गया अथवा नहीं।
डीएम ने कहा कि जिला प्रशासन के साथ राज्य सरकार अन्नदाताओं की बेहतरी के लिए कटिबद्ध है। उन्होंने अधिकारियों को निदेशित करते हुए कहा कि कृषि के क्षेत्र में मिलने वाली सरकारी योजनाओं का लाभ पात्र किसानों तक शत - प्रतिशत पहुंचाएं। प्रगतिशील किसानों का समूह बनाकर उन्हें बेहतर प्रशिक्षण दिलाएं ताकि पैदावार में वांछित वृद्धि हो सके। समाहर्त्ता ने अन्नदाताओं को भगवान की संज्ञा देते हुए कहा कि इनकी हर समस्याओं का निदान हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता है।

जिला कृषि पदाधिकारी अविनाश चंद्र ने आगत अतिथियों का अभिनंदन करते हुए कहा कि किसानों से प्राप्त सुझाव के आधार पर पांच वर्षीय कृषि रोड मैप तैयार किया जाना है। इसके मुताबिक ही कृषि विभाग की समस्त योजनाओं का संचालन किया जाएगा।

उन्होंने कार्यशाला में खेती करने की विधि , मक्का , केला , फल एवं सब्जी की खेती , मछली , मुर्गी , बत्तख , मधुमक्खी पालन , पशुपालन , गव्य , सहकारिता , सिंचाई , लघु सिंचाई , कृषि अनुदान , बीज , कीटनाशक , बर्मी कम्पोस्ट , कृषि यंत्रीकरण आदि विषयों पर विस्तृत चर्चा की और प्रगतिशील किसानों का क्षमतावर्धन किया।
जिले की प्रगतिशील किसान संजय सिंह , अजय कुमार तांती आदि ने अल्प वृष्टि , अत्यधिक तापमान , समय पर उन्नत बीज , खाद , कीटनाशक आदि की उपलब्धता से सम्बंधित सारगर्भित सुझाव पेश किए और बिजली की तार से फसल को होने वाले नुकसान के साथ अन्य महत्वपूर्ण समस्याओं से अधिकारियों को अवगत कराया। किसानों के सुझावों को तबज्जो देते हुए उसे पंजीकृत किया गया।

आत्मा के निदेशक पंकज जी , भूमि संरक्षण पदाधिकारी बालेश्वर सिंह , केवीके के वरीय वैज्ञानिक डॉ. प्रमोद सिंह आदि ने भी कार्यशाला को संबोधित किया और चतुर्थ कृषि रोड मैप को खेती के लिए अत्यंत लाभकारी करार दिया। इस अवसर पर कृषि समन्वयक , किसान सलाहकार के अलावे भारी संख्या में प्रगतिशील किसान मौजूद थे।

कार्यक्रम के अंत में डीएम श्री सिंह ने कृषि अभियंत्रण के क्षेत्र में यंत्रों के लिए कुल 10 पात्र जनों को कुल 115000 रुपये का अनुदान दिया और उनके उज्ज्वल भविष्य की कामना की। कार्यशाला सौहार्दपूर्ण वातावरण में संपन्न हो गया।

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