जमुई : यश वाली है अवगीला गांव की माँ दुर्गा, 42 वर्षों से हो रही है आराधना - gidhaur.com : Gidhaur - गिद्धौर - Gidhaur News - Bihar - Jamui - जमुई - Jamui Samachar - जमुई समाचार

Breaking

Post Top Ad - Contact for Advt

Post Top Ad - SR DENTAL, GIDHAUR

मंगलवार, 4 अक्टूबर 2022

जमुई : यश वाली है अवगीला गांव की माँ दुर्गा, 42 वर्षों से हो रही है आराधना

अलीगंज/जमुई (Aliganj/Jamui), 4 अक्टूबर
★ रिपोर्ट : चंद्रशेखर सिंह
● संपादन : अपराजिता
प्रखंड क्षेत्र के अवगीला गांव में वैष्णवी दुर्गा माता (Vaishnavi Durga Mata) काफी यश वाली हैं। अवगीला गांव की मां दुर्गा (Maa Durga), इनके दरबार में आने पर हर भक्तों की मुरादें पूरी होती है। जो भी भक्त सच्चे मन से मन्नत मांगने माता के दरवार में आते हैं, उसे माँ अवश्य पूरी करती हैं। यहां नवरात्र (Navratra) की शुरूआत से ही श्रद्धालुओं की भीड़ लगनी शुरू हो जाती है।

दूर-दूर से लोग माता की पुजा अर्चना को लेकर आते हैं।माता के आशीर्वाद से उनकी हर मनोकामनाएँ पूर्ण होती हैं। वर्ष 1980 में अवगीला गांव के नाई सुरेश ठाकुर ने मिट्टी की मूर्ति बनाकर माँ की पूजा की शुरुआत। ग्रामीण सुरेन्द्र सिंह, सामाजिक कार्यकर्ता सौरभ कुमार सिंह, मुखिया प्रतिनिधि सोनू सिंह, दिनेश प्रसाद सिंह, बिपिन कुमार, राजीव कुमार, मिनटु सिंह, अजय कुमार सिंह ने बताया कि गांव के एक वैद्य सुरेश ठाकुर जंगल से जडी बूटियाँ लाकर इलाके में  बेचने का काम करते थे। उन्हें जंगल में एक छोटी मां भगवती की मूर्ति मिली थी और वह मूर्ति लाकर घर में पुजा अर्चना करने लगे।

तभी उन्हें भगवती ने स्वप्न में दर्शन देकर आश्विन महीने में दुर्गा माता की प्रतिमा स्थापित कर पूजा अर्चना करने को कहा और आश्विन पूर्णिमा के बाद प्रतिमा विसर्जन करने का निर्देश दी। तभी वे वर्ष 1980 में अकेले प्रतिमा स्थापित पूजा अर्चना किया। फिर अगले वर्ष से पूरे गांव के सभी ग्रामीण मिलकर माता की पुजा अर्चना किया जाने लगा। 

आश्विन पूर्णिमा के दिन भव्य मेला लगने के बाद होती प्रतिमा विसर्जन
अमूमन दशमि के दिन ही हर जगहों पर मेला लगती है और दुसरे दिन प्रतिमा विसर्जन होते है लेकिन अवगीला पुरे बिहार में एक एक ऐसा गांव है जहां नवरात्रि से पुजा की शुरुआत होती है और आश्विन पूर्णिमा तक माता की आराधना किया जाता है। 

पूर्णिमा के दिन भव्य मेला लगता है।  हर वर्ष दूर-दूर से लोग माता के दर्शन करने व मिननते मांगने आते है। ऐसी लोगों की मान्यता है कि संतान प्राप्ति को लेकर है माता का प्रसिद्ध। संतान प्राप्ति को लेकर निराश लोग बड़े ही हर्षोल्लास के साथ माता के दरबार में अपनी समस्याओं को रखते हैं जो अवश्य पूरी होती हैं।

सामाजिक कार्यकर्ता सुरेन्द्र सिंह बताते है कि एक बार चंद्रदीप पुलिस के द्वारा पूर्णिमा के पहले दुर्गा की प्रतिमा विसर्जन का दबाव बनाया गया, तो ग्रामीणों ने सभी अपने हाथ उठा लिया। पुलिस प्रशासन जैसे मंदिर प्रवेश किया प्रतिमा अपने आप कंपन करने लगी और उस समय फूस की छप्पर थी जिससे छत की शहतीर टूट कर एक सिपाही पर गिर गया और वह गंभीर रूप से घायल हो गया था। तब सभी लोग माता की शक्ति का अहसास हुआ था। पूर्णिमा के मेला के बाद ही प्रतिमा का विसर्जन किया जाता है।

इलाके में है अवगीला गांव की माँ दुर्गा की यश की ख्याति
अवगीला गांव की मा दुर्गा देवी भगवती काफी यशवाली है अवगीला गांव की मा दुर्गा जिनका प्रसिद्धि पुरे इलाके में फैली हुई है। वयोवृद्ध प्रभुदयाल सिंह, यदुनंदन सिंह बताते है कि माता की दरबार में जो भी हाजिरी लगाते है उनकी मुरादें अवश्य पूरी होती है। ऐसा कई उदाहरण है।

माता की पूजा अर्चना को लेकर भव्य कलश शोभायात्रा निकाली गई थी और पूजा अर्चना बडे ही हरषोउललास के किया जा रहा है। गांव के युवाओं के द्वारा हर वर्ष की भांति इस वर्ष भी नाटक का मंचन किया जाएगा। बडी संख्या में खेल तमाशा का भी आयोजन किया जाएगा।

Post Top Ad -