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जमुई में साईकिल यात्रियों ने 'सड़कों को प्रकाशित' करने के लिए ग्रीनपीस कार्यक्रम में लिया भाग

जमुई (Jamui), 22 अक्टूबर : शनिवार की शाम जमुई के नागरिकों ने अपने साईकिल के साथ राष्ट्रीय स्तर पर आयोजित ‘सड़कों को प्रकाशित’ करने के कार्यक्रम में हिस्सा लिया। इस कार्यक्रम में शामिल लोगों ने साइकिल के लिये सुरक्षित और अधिक सुलभ शहर की मांग की। कार्यक्रम में कई साईकिल यात्रियों के समूहों ने आम लोगों के साथ मिलकर अपनी साइकिल को लैंप, दिया, फूलों और लाइट से सजाते हुए साईकिल सवारों को न्यायपूर्ण और पर्यावरण के लिये टिकाऊ शहरों के चैंपियन के रूप में सेलिब्रेट किया। यह कार्यक्रम ग्रीनपीस इंडिया द्वारा साईकिल यात्रा एक विचार, जमुई के सहयोग से आयोजित किया गया था। इस अवसर पर जिलाधिकारी अवनीश कुमार सिंह मौजूद रहे और उन्होंने इस मुहीम को हरी झंडी दिखाई।
साईकिल यात्रा एक विचार, जमुई के सदस्य ने कहा, “जलवायु परिवर्तन से हर कोई प्रभावित हो रहा है। लेकिन भाग-दौड़ की ज़िंदगी में कोई भी इससे लड़ने का प्रयास नहीं कर रहा। हमारे पूर्वज पौधा लगाके चले गए लेकिन हम उसका नुक़सान कर रहे हैं। पर्यावरण संरक्षण की ओर काम करने के लिए साईकिल यात्रा एक विचार हर रविवार को अभियान के माध्यम से पर्यावरण से सबंधित जागरुकता फैलाते हैं। आज के कार्यक्रम के साथ हम चाहते हैं की देश के हर ज़िले में यह संदेश पहुँचे, और लोग पर्यावरण के लिए आगे आएँ।” 
दर्जनों साईकिल चालकों उच्च विद्यालय के एन. सी. सी. ग्रुप, नेहरू युवा केन्द्र और कई यूथ संगठनों ने इस राष्ट्रव्यापी कार्यक्रम में भाग लिया जिसमें यात्रियों को साइकिल चालकों की भावना का जश्न मनाने के लिए प्रोत्साहित किया गया।
 इस कार्यक्रम के दौरान, उत्साही प्रतिभागियों ने अपनी साईकिल को रोशनी और फूलों से सजा कर, शहर की सड़कों पर गैर-मोटर चालित यात्रियों को उनके अधिकार और प्राथमिकता देने वाली बेहतर नीतियों की मांग करते हुए तख्तियां पकड़ रखी थीं। साईकिल चालकों के लिए अनुकुल शहर आखिरकार सबके लिए एक बेहतर शहर है।. 
ग्रीनपीस इंडिया के वरिष्ठ अभियान प्रबंधक अविनाश चंचल कहते हैं, "हमें शहर की योजना पर पुनर्विचार की आवश्यकता है। एक ऐसा शहर बनाने की जरुरत है जो कार को प्राथमिकता देने के बजाय, लोगों को प्राथमिकता दे। निजी वाहनों का उपयोग करने वाले बेहद कम लोगों की आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए शहर की-आधारित बुनियादी ढांचे को डिजाइन करने के बजाय, शहरों की योजना लोगों को ध्यान में रखें और पर्यावरण की दृष्टि से स्वस्थ हों। 
हमें नई तरह की परिवहन व्यवस्था बनाने के लिये बुनियादी ढांचे फिर से व्यवस्थित करने, उसके लिये वित्तीय सहायता और डिजाइन के साथ साथ एक सांस्कृतिक बदलाव की जरूरत है जो निजी कारों पर ग्रीन आवागमन के उपयोग को प्रोत्साहित कर सके।” 

इस अवसर पर एन. सी. सी. के गुड्डू सिन्हा, नेहरू युवा केन्द्र के अभिषेक कुमार सहित गोलू कुमार, लक्ष्मण कुमार, सचिराज पद्माकर, संतोष कुमार सुमन, कुंदन सिन्हा, राहुल कुमार, शैलेश भारद्वाज सहित अन्य लोग उपस्थित थे।

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