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Wednesday, 26 October 2022

जमुई : कर्मों का रिकॉर्ड रखने वाले चित्रगुप्त भगवान की पूजा को लेकर सुरेशपुरम स्थित मंदिर में तैयारी जारी

जमुई (Jamui), 26 अक्टूबर : जमुई नगर परिषद क्षेत्र अंतर्गत सुरेशपुरम मोहल्ला स्थित मंदिर में चित्रगुप्त भगवान की पूजा की तैयारी उमंग और उत्साह के साथ जारी है।वैदिक रीति रिवाज से पूजा कल यानी 27 अक्टूबर को पूर्वाह्न 11 : 00 बजे आरंभ होगी। पूजनोपरांत महाप्रसाद का वितरण किया जाएगा तदुपरांत स्वजन सहभोज का लुफ्त उठाएंगे। 

विद्यालय के बच्चे एवं स्थानीय कलाकार जागरण कार्यक्रम के जरिए भगवान चित्रगुप्त जी महाराज की जयंती समारोह को गौरवशाली बनाएंगे। चित्रगुप्त पूजन को यादगार बनाने के लिए श्रद्धालु भक्तजन निष्ठा के साथ जुटे हुए हैं।

 अखिल भारतीय कायस्थ महासभा की जिला इकाई के महासचिव डॉ. मनोज कुमार सिन्हा ने इस आशय की जानकारी देते हुए बताया कि सनातन धर्म की पौराणिक कथाओं के अनुसार मृत्यु के देवता भगवान यम के सहयोगी चित्रगुप्त महाराज को सभी मनुष्यों के कर्मों के हिसाब के रक्षक के रूप में जाना जाता है।

 मान्यता है कि भगवान चित्रगुप्त मनुष्यों के सभी पापों और गुणों का रिकॉर्ड रखते हैं और पाप करने वाले को दंड भी देते हैं। उन्होंने चित्रगुप्त देवता की पूजा - अर्चना विधि पूर्वक किए जाने की बात कही। डॉ. सिन्हा ने तमाम भक्तजनों से अपील करते हुए कहा कि ससमय सुरेशपुरम पहुंचें और पूजनोत्सव में हिस्सा लेकर यश का भागी बनें।

 उधर विद्वान पंडित महेंद्र पांडे के अनुसार हर साल भाई दूज के दिन ही चित्रगुप्त पूजा मनाया जाता है। इस दिन को यम द्वितीया के नाम से भी जाना जाता है। इस बार चित्रगुप्त पूजा 27 अक्टूबर को मनाई जाएगी।

व्यापारी वर्ग के लोगों के लिए यह दिन विशेष होता है क्योंकि इस दिन नए बही - खातों पर " श्री " लिखकर कार्य आरंभ करते हैं। इसके अतिरिक्त सभी आय - व्यय का ब्योरा चित्रगुप्त जी के सामने रखा जाता है। कायस्थ समाज में चित्रगुप्त को आराध्य देव के रूप में पूजा जाता है। इस दिन को लोग चित्रगुप्त जयंती के रूप में मनाते हैं और लेखनी - दवात का पूजन करते हैं। इसी के साथ भक्तजन इस दिन लेखनी से संबंधित कार्यों को भी बंद रखते हैं। चित्रगुप्त पूजन को दवात पूजन के नाम से भी जाना जाता है।

     उन्होंने आगे कहा कि शुक्ल पक्ष द्वितीया 26 अक्टूबर अपराह्न 02ः 42 बजे से शुरू हुआ। यह तिथि 27 अक्टूबर अपराह्न 12 : 45 बजे खत्म होगी। उदय तिथि को मानने वाले भक्तजन कल ही चित्रगुप्त भगवान की पूजा करेंगे। 

 इधर भक्तों का मानना ​​है कि चित्रगुप्त भगवान की पूजा करने से उन्हें उनका आशीर्वाद मिलता है। साथ ही उनके रिकॉर्ड बुक से बुरे कर्मों के प्रभाव को दूर होने का भक्तजनों को वरदान मिलता है। हिंदू पौराणिक कथाओं के अनुसार चित्रगुप्त महाराज ही तय करते हैं कि किस आत्मा को मोक्ष का पुरस्कार दिया जाना चाहिए और किसे बुरे कर्मों की सजा मिलनी चाहिए।  

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