जमुई : भगवान भरोसे खेती कर रहे किसान, अधर में लटकी सकरी बराज जलाशय योजना

अलीगंज/जमुई (Aliganj/Jamui)
● रिपोर्ट : चंद्रशेखर सिंह
रैन शेड क्षेत्र में पड़ने वाले प्रखंड के किसान प्रकृति प्रदत पानी के भरोसे हैं। यहां खेतों की सिंचाई कभी भी आसान नहीं रही। सिंचाई के दिक्कतों को दूर करने के लिए हमेशा प्रखंड के किसान व समाजसेवी उठाते रहे हैं। लेकिन कभी भी और कुछ भी सकारात्मक नही हुआ। ऐसा नहीं है कि जिले में सिंचाई की व्यवस्था के लिए सोचा नहीं गया अथवा पहल नहीं की गई।

प्रयास तो परियोजना बनाकर कागजी कोरम से शुरूआत किया गया। ऐसी योजनाओं में शामिल है अपर सकरी बराज जलाशय परियोजना। इस योजना के किर्यान्वयन में तकनीकी दिक्कत आड़े आ रही है। इस कारण अब तक इस योजना की शुरूआत नहीं हो सकी और किसानों के खेतों सुखे पड़े हैं। भगवान के भरोसे खेती करने की विवशता है।

यह परियोजना तीन जिलों नवादा-शेखपुरा, जमुई जिले को कुछ प्रखंडों को लाभान्वित करने का काम करेगी। शेखपुरा प्रखंड के दो, जमुई का एक और नवादा जिले के पांच प्रखंडों के किसानों के खेतों तक पानी पहुचायेगी।

किसान प्रभुदयाल सिंह, ब्रह्मदेव सिंह, समाजसेवी शशिशेखर सिंह मुन्ना, पूर्व मुखिया सुरेन्द्र पांडेय, सदयानंद सिंह, चंद्रशेखर आजाद आदि लोग बताते हैं कि वर्तमान जरूरतों के हिसाब से योजना को आरंभ करने में कोई दिक्कत तो नहीं है। सिर्फ संभावित आकलन के कारण योजना के अमल पर जनप्रतिनिधियों द्वारा विचार नही किया जाना किसानों के प्रति उदासीनता व लापरवाही को दर्शाती है।

तीनों जिले के संबंधित किसानों की बड़ी जरूरत का लाभ दिलाने से जुड़ी अपर सकरी बराज जलाशय योजना का कार्यान्वयन जनप्रतिनिधियों के लिए बड़ी चुनौती है। इसे सिर्फ चुनावी मुद्दा बनाने के बजाय दूरगामी योजना मानकर संकल्प से काम करने की जरूरत है। फिर कहीं कोई बाधा नही टिक पाएगी। इन प्रखंडों के किसान अपने खेतों में सिंचाई के समुचित व्यवस्था हो जाने पर खेतों में अच्छी उपज कर आत्म निर्भर बन सकेंगे।

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