जमुई (Jamui), 18 सितंबर : जिला कलेक्टर अवनीश कुमार सिंह ने समाहरणालय में राष्ट्रीय पोषण माह अभियान के अंतर्गत जिला स्तरीय पोषण परामर्श केंद्र का उद्घाटन करते हुए कहा कि कुपोषण को पछाड़ने के लिए स्थानीय भोजन की डोर को थामना आवश्यक ही नहीं वरन अनिवार्य है।
उन्होंने निर्धारित समय - सीमा के भीतर कुपोषण की दर को नियंत्रण करने की दिशा में ठोस पहल किए जाने का संदेश देते हुए कहा कि जिले में इसको दूर करने के लिए सामूहिक सहभागिता जरुरी है। आम जनों में पोषण के प्रति नजरिया और उनका रोजाना के व्यवहार में बदलाव लाने के लिए ही राष्ट्रीय पोषण माह के अंतर्गत पोषण परामर्श केंद्र की स्थापना की जा रही है। इसके सौजन्य से सुपोषण को बढ़ावा देकर कुपोषण सम्बंधी चुनौतियों से निजत पाया जा सकता है। पोषण के प्रति जन जागरूकता फैलाना जरूरी है। जागरूकता अभियान के जरिए लाभुकों के साथ आमजनों को सजग और सचेत करने की जरूरत है।
पोषण गतिविधियों के सफल संचालन के लिए शिक्षा, स्वास्थ्य, कृषि, योजना, कल्याण, पीएचईडी, पंचायती राज आदि संस्थानों का सहयोग लें और कुपोषण को बैकफुट पर धकेलें। डीएम ने कार्यक्रम आयोजन के लिए आईसीडीएस से सम्बंधित अधिकारियों एवं कर्मियों की तारीफ की और सबों को साधुवाद दिया।
आईसीडीएस की जिला कार्यक्रम पदाधिकारी अर्चना भारती ने अतिथियों का इस्तकबाल करते हुए कहा कि पोषण परामर्श केंद्र से माता-पिता अपने शिशुओं के बेहतर पोषाहार और बच्चों के कुपोषण की स्थिति की जानकारी भी ले सकते हैं । जिले से पोषण को मिटाने के लिए जनआंदोलन चलाया जाएगा और आमजनों को इससे सम्बंधित जानकारी दी जाएगी। श्रीमती भारती ने आगे कहा कि राष्ट्रीय पोषण माह के अंतर्गत गोद भराई उत्सव का आयोजन भी किया जा रहा है।
उन्होंने इस अवसर पर मंगल गीतों के साथ गर्भवती महिलाओं को उपहार के रूप में पोषण की पोटली दिए जाने की जानकारी देते हुए कहा कि इसमें गुड़, चना, हरी पत्तेदार सब्जियां, आयरन की गोली, पोषाहार, फल आदि भरा हुआ है। महिलाओं को उपहार स्वरुप पोषण की थाली भेंट की गयी, जिसमें सतरंगी थाली एवं अनेक प्रकार के पौष्टिक भोज्य पदार्थ शामिल थे। इस अवसर पर गर्भवती महिलाओं को चुनरी ओढ़ाकर और टीका लगाकर गोद भराई का रस्म भी पूरा किया गया।
सीडीपीओ रेणु कुमारी ने पोषण माह से जुडी प्रारंभिक चीजों के बारे में विस्तार से बताया और इस मामले में जिले की स्थिति पर डाटा भी शेयर किया। उन्होंने बताया कि पोषण के मामले में बच्चों के जीवन के प्रथम हजार दिन बहुत मायने रखते हैं। इस दरम्यान बच्चे को जैसा खानपान देंगे वैसा ही बच्चे का स्वास्थ्य होगा।
उन्होंने इस दौरान पोषण के लक्ष्य को भी रेखांकित किया। इसमें दर्शाया कि पोषण माह का लक्ष्य 0-06 माह के बच्चों में बौनापन और शारीरिक दुर्बलता दूर करने के साथ किशोर और किशोरियों में एनीमिया की बीमारी दूर करना आदि शामिल है। श्रीमती कुमारी ने विभागीय समन्वय और क्षमता संवर्धन के जरिये पोषण का लक्ष्य हासिल करने की बात बताई। इस अवसर पर कई सीडीपीओ, एलएस, सेविका, सहायिका आदि जन उपस्थित थी।-
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