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गुरुवार, 15 सितंबर 2022

जमुई : दिव्यांग सीमा को मुख्य धारा में शामिल कराने के लिए प्रतिबद्ध हैं डीएम



जमुई (Jamui), 15 सितंबर : जमुई जिले के खैरा प्रखंड अंतर्गत फतेहपुर गांव निवासी खिरन मांझी और बेबी देवी की आत्मजा दिव्यांग सीमा अब रीडिंग टेबलेट से पढ़ना - लिखना शुरू कर दिया है। सरकारी पाठशाला की तीसरी कक्षा की छात्रा सीमा ने रीडिंग टेबलेट के जरिए अत्याधुनिक तकनीक से शिक्षा ग्रहण कर रही है। साथ ही अपने सपनों को पंख देने के लिए सतत कदम बढ़ा रही है। पाठशाला के शिक्षक - शिक्षिका , विद्यार्थी और सकल समाज दिव्यांग बिटिया की अनूठा , अजूबा और अलौकिक प्रतिभा को देखकर अचंभित हैं।


जिलाधिकारी अवनीश कुमार सिंह के भागीरथी प्रयास से बैजू कंपनी ने सीमा की प्रतिभा को सलाम करते हुए उसे रीडिंग टेबलेट मुहैया कराया है। 



डीएम ने मौके पर कहा कि टेबलेट कम्प्यूटर एक स्लेटनुमा पतली मोबाइल कंप्यूटिंग युक्ति है। इस युक्ति को चलाने के लिए स्पर्श पटल (टच स्क्रीन) की सुविधा होती है। टेबलेट प्रायः वैसे स्थानों के लिए उपयोगी होता है जहां आम लैपटॉप या नोट बुक कम्प्यूटर काम में नहीं आती या ठीक तरीके से काम नहीं कर पाती है। टेबलेट  ई-रीडिंग यानी अखबार , पुस्तकें आदि के पढ़ने के काम आती है। इसके टूट - फुट का खतरा भी कम रहता है। इसके जरिए सीमा की शिक्षा को गति मिलेगी और वह तेजी विषयांकित चीजों को आत्मसात कर सकेगी।


डीएम ने सीमा को अत्यंत प्रतिभाशाली सुता की संज्ञा देते हुए कहा कि आज के अत्याधुनिक युग में उसे डिजिटाइज्ड एजुकेशन की सुविधा दिया जाना समय की मांग है। उन्होंने रीडिंग टेबलेट से सीमा को कठिन अभ्यासों को सीखने में सहूलियत होने की जानकारी देते हुए कहा कि वह उच्च तकनीक से शिक्षा ग्रहण कर सफलता का पताका आसमान में फहराने में कामयाब होगी।


गौरतलब है कि सीमा में पढ़ने - लिखने का जुनून और जज्बा है। दिव्यांगता के बावजूद वह एक ही पैर से प्रतिदिन पाठशाला जाती है और एकाग्रचित्त होकर विषयों का अध्ययन करती है। वह फुदक - फुदक कर विद्यालय जाने के लिए सोशल मीडिया पर खूब वायरल हुई थी।


जिला प्रशासन ने उसकी इच्छा शक्ति को सलाम करते हुए उसे बीते दिनों कृत्रिम पैर उपलब्ध कराया था। बाद में डीएम की खास पहल पर भारतीय कृत्रिम अंग निर्माण निगम (एलिम्को) कानपुर ने उसे बेहतर गुणवत्ता वाला कृत्रिम पैर मुफ्त में लगाकर नई जिंदगी प्रदान की।


कृत्रिम पैर के सहारे दिव्यांग लाड़ली अब फुदकने की जगह तेजी से चलने लगी है। सीमा तेजी से चलकर प्रतिदिन पाठशाला जाती है और शिक्षा को अव्वल मानती है।  उसका पढ़ाई के प्रति निष्ठा और लगन समाज के लिए अनुकरणीय बन गया है।


उधर डीएम के सौजन्य से बैजू कंपनी के द्वारा रीडिंग टेबलेट मुहैया कराए जाने पर दुलारी सीमा और उसके परिजन मगन हैं। सभी जन डीएम और बैजू कंपनी के प्रति असंख्य आभार जताते हुए उनके मानवीय संवेदना की जमकर तारीफ कर रहे हैं।

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