गिद्धौर में कब होगी दुर्गा पूजा और लक्ष्मी पूजा? पढ़िये वर्ष 2022 के पूजन कार्यक्रम की पूरी लिस्ट - gidhaur.com : Gidhaur - गिद्धौर - Gidhaur News - Bihar - Jamui - जमुई - Jamui Samachar - जमुई समाचार

Breaking

Post Top Ad - Contact for Advt

Post Top Ad - Sushant Sai Sundaram Durga Puja Evam Lakshmi Puja

बुधवार, 31 अगस्त 2022

गिद्धौर में कब होगी दुर्गा पूजा और लक्ष्मी पूजा? पढ़िये वर्ष 2022 के पूजन कार्यक्रम की पूरी लिस्ट

गिद्धौर/जमुई (Gidhaur/Jamui), 31 अगस्त 
* रिपोर्ट : अपराजिता 
राज रियासत की अक्षुण्ण पहचान को जीवित रखने वाली परंपरा दुर्गा पूजा (Durga Puja) के कार्यक्रम की उद्घोषणा राज ज्योतिष डॉ विभूति नाथ झा (Dr. Vibhuti Nath Jha) के द्वारा कर दी गई है। साथ-ही-साथ विजय दशमी के पांच दिनों के बाद होने वाली शरद पूर्णिमा (Sharad Purnima) के कार्यक्रम की भी उद्घोषणा कर दी गई है। गिद्धौर के दुर्गा पूजा का मंदिर चंदेल राजवंशों के द्वारा प्रतिस्थापित की गई है। 
राज ज्योतिष डॉ विभूति नाथ झा गिद्धौर अवस्थित रावणेश्वर संस्कृत महाविद्यालय (Ravaneshwar Sanskrit College) में प्राध्यापक (Lecturer) भी हैं।
उन्होंने बताया कि इस वर्ष अश्विन शुक्ल पक्ष प्रतिपदा 26 सितंबर से शारदीय नवरात्र (Navratra) की शुरुआत हो रही है। कलश स्थापना एवं पाठ संकल्प का मुहूर्त 26 सितंबर दिन सोमवार को प्रातः 05:36 के बाद से पूर्वाह्न 12 बजे तक है। गहवरा प्रवेश शुक्रवार पंचमी 30 सितंबर को है। विलवाभिमंत्रण शनिवार 01 अक्टूबर को है। पत्रिका प्रवेश सप्तमी दिन रविवार को है। 

डॉ विभूति नाथ झा ने gidhaur.com से बात करते हुए बताया कि महाष्टमी की पूजा 03 अक्टूबर को की जाएगी। निशा पूजा 02 अक्टूबर को है। महाष्टमी यानी जगरना 03 अक्टूबर को है। बलिदान यानी महा नवमी 04 अक्टूबर को है। इसी दिन बलिदान होता है, जिसका शुभ मुहूर्त प्रातः 05: 39 से प्रातः 07:08 तक अथवा प्रातः 08:36 से अपराह्न 02:20 तक है। इस वर्ष दुर्गा पूजा 10 दिनों का है। विजय दशमी 05 अक्टूबर को है।
गिद्धौर के दुर्गा मंदिर में दुर्गा पूजा के पाँच दिनों के बाद शरद पूर्णिमा के दिन माता लक्ष्मी की प्रतिमा स्थापित की जाती है। इस वर्ष शरद पूर्णिमा यानि लक्ष्मी पूजा 9 अक्टूबर, दिन रविवार को है और माता लक्ष्मी का विसर्जन 10 अक्टूबर को होगा।

गिद्धौर में यह आयोजन पहले राजपरिवार द्वारा होता आ रहा था, लेकिन बाद में इसे जनाश्रित घोषित कर दिया गया। जिसके बाद शारदीय दुर्गा पूजा सह लक्ष्मी पूजा समिति द्वारा यह आयोजन होता आ रहा है। नियमानुसार ग्राम पंचायत राज पतसंडा की मुखिया कला देवी इस समिति की पदेन अध्यक्ष हैं। जबकि समस्त पूजन कार्यकर्म संपन्न कराने में समिति के अन्य पदाधिकारियों की बड़ी भूमिका रहती है। 



Post Top Ad -