विशेष रिपोर्ट :- शुभम मिश्र,वरिष्ठ संपादक,
Gidhaur.com
जमुई जिला कार्यालय में ऑल बिहार बिहार ट्रेन्ड लाइब्रेरियन एसोसिएशन जमुई इकाई द्वारा जिलाध्यक्ष विनय कुमार सिन्हा की अध्यक्षता में शुक्रवार को भारत में पुस्तकालय विज्ञान के जनक कहे जाने वाले डा.एस.आर.रंगनाथन की 130वीं जयंती मनाई गयी।सर्वप्रथम लोगों द्वारा उनके चित्र पर फूल मालायें पहनाई गयी।तत्पश्चात वक्ताओं ने उनके जीवन से संबंधित बातें बताई।
इस बाबत जिलाध्यक्ष विनय कुमार सिन्हा ने बताया कि डाक्टर रंगनाथन साहब का जन्म आज ही के दिन 12 अगस्त 1892 को मद्रास के शियाली नामक स्थान (आधुनिक नाम चैन्नई) में हुआ था।वे सुविख्यात गणितज्ञ के साथ-साथ पुस्तकालायाध्यक्ष और शिक्षा शास्त्री थे।
वहीं जिला सचिव शुभम मिश्र ने बताया कि रंगनाथन साहब का पुरा नाम शियाली रामअमृता रंगनाथन है।आज भारत में ही नहीं बल्कि विश्व के कई देशों में भी पुस्तकालयों के विकास के लिए इनके द्वारा प्रतिपादित पंच सूत्रीय नियमों का पालन किया जा रहा है। रंगनाथन जी को 1957 में पद्मश्री से नवाज़ा गया था।वहीं उनके सम्मान में 1992 से डाक टिकट जारी किया जा रहा है।भारत में पुस्तकालयों की दशा एवं दिशा सुधारने में इनकी महती भूमिका रही है।
शुभम मिश्र ने कहा कि आज हमलोगों को महत्वपूर्ण सूचनाओं का संकलन पुस्तकालयों से मिलता है।अमेरिका में इसे सूचना केन्द्र कहा जाता है।आज देखा जाय तो वही देश विकसित हुए हैं,जहां महत्वपूर्ण सूचना एवं जानकारी को अच्छे तरीके से जरूरतमंद लोगों के समक्ष परोसा जाता हो,एवं जहां सूचनाओं का सुरक्षात्मक संरक्षण करते हों।
उन्होंने कहा कि वर्तमान में देखा जाय तो बिहार में सैकड़ों पुस्तकालय हैं पर अपने जर्जर अवस्था एवं लाइब्रेरियन की कमी का दंश झेल रहे हैं।जिसके लिए हमलोगों के संघ द्वारा प्रदेश अध्यक्ष विकास चन्द्र सिंह की अगुवाई में सरकार के संबंधित विभाग के अधिकारियों के पास एवं कई मंत्रियों के पास ज्ञापन दिया गया है,पर सिर्फ आश्वासन के अलावा कुछ नहीं मिला है।फिर भी हमलोगों की मांग जारी है।
वहीं ABTLA की पूर्व जिला प्रवक्ता श्वेता मिश्रा ने बताया कि पुस्तकालय को शिक्षा का " बैक बोन " कहा जाता है।अगर बिहार में शिक्षा को अग्रणी बनाना है तो प्रत्येक शिक्षण संस्थानों में लाइब्रेरियन की बहाली करने की आवश्यकता है।सरकार को इस पर विचार करनी चाहिए।
उक्त अवसर पर कई लाइब्रेरियन के अलावा शिक्षाविद विकास कुमार,झिनी कुमारी,नीभा चौरसिया, तन्नु कुमारी,अन्नू कुमारी,शिवानी राय,कोमल राय,अजय कुमार,चण्डी मोदी, प्रभात कुमार,सहित कई शिक्षक एवं गणमान्य लोगों के साथ-साथ बच्चे भी मौजूद थे।
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