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Saturday, 6 August 2022

पटना : पॉजिटिव पॉलिटिक्स के साथ राजनीति में आये हैं राकेश झा

पटना (6 अगस्त) : बिहार की राजनीति में कद्दावर चेहरा रहे पूर्व केंद्रीय मंत्री पंडित रघुनाथ झा के पौत्र व पूर्व विधायक अजीत झा के पुत्र राकेश झा बिहार की राजनीति में कुछ ऐसा जरूर कर रहे हैं जो अनुकरणीय है. यह पॉजिटिव पॉलिटिक्स के तहत युवाओं को अपने अभियान से जोड़ रहे, उन्हें हुनरमंद बना रहे हैं. स्वयं का उद्यम स्थापित करने का हौसला भी दे रहे हैं। 

परिवार की लंबी राजनीतिक विरासत होने के बावजूद राकेश झा शून्य से शुरुआत कर अपने क्षेत्र के लोगों के बीच तेजी से लोकप्रिय होते जा रहे हैं. राकेश झा भाजपा के विचारधारा से प्रभावित होकर भाजपा में शामिल हुए. पार्टी के एक सामान्य कार्यकर्ता के तौर पर पार्टी ने जो कुछ भी जिम्मेदारियां दी है उसे सफलतापूर्वक पूरा भी किया है. अपने परिवारिक राजनीतिक विरासत को संभालने के साथ ही साथ अपने क्षेत्र शिवहर के विकास के लिए सदैव तत्पर रहते हैं.

विदेश से एमबीए करने के बाद इनके पास ढेरों ऑप्शन थे कि यह ऊंचे पैकेज पर किसी बड़ी कंपनी में बड़ा ओहदा पा जाते, अपना बड़ा व्यवसाय करते. पर अपने दादाजी के निर्देश पर इन्होंने शिवहर में एक गाड़ी की एजेंसी खोली और स्थानीय स्तर पर डेढ़ सौ लोगों को उस में रोजगार भी दिया. सप्ताह के 3 दिन अपने क्षेत्र में जाते हैं. अपने समर्थकों से मिलते हैं. जितना कुछ बन पाता है लोगों की सहायता करते हैं. लोगों की समस्याओं के समाधान के लिए भी सदैव तत्पर रहते हैं.

राकेश झा कहते हैं कि राजनीति में शून्य से शुरुआत करके उनके दादाजी ने जिस मुकाम तक का सफर तय किया वह कम लोगों को ही नसीब हो पाता है. शिवहर के होने के बावजूद बेतिया और गोपालगंज से सांसद रहे. बिहार सरकार और केंद्र सरकार में मंत्री रहे. उनके छत्रछाया में सैकड़ों लोगों ने राजनीति का ककहरा सीखा, जो आज राजनीति के शीर्ष पर है. बावजूद इसके उनके आदर्शों को लेकर आज भी उनका परिवार पूरी तरह संजीदा है. उनके अनुपस्थिति में पूरे बिहार में उनके समर्थकों के साथ वह सदैव खुद को कनेक्ट रखते है.


 भाजपा की नीतियां उन्हें भाती हैं. कार्यकर्ताओं का सम्मान उन्होंने देखा है. इसलिए भाजपा में निरंतर निरपेक्ष भाव से पार्टी के लिए कार्य करते हैं. उन्हें किसी पद  की चाहत नहीं, वे जानते हैं कि जो विरासत है सियासत में उसे बचाए रखना और लोगों के विश्वास पर खरा उतरना उनके लिए सबसे बड़ी अग्निपरीक्षा है.

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