गिद्धौर/जमुई (Gidhaur/Jamui), 17 फरवरी : स्वास्थ्य विभाग एवं सरकारी तंत्र की लापरवाही एक बार फिर सामने आई है। गिद्धौर के पतसंडा पंचायत की पूर्व सरपंच एवं सामाजिक कार्यकर्ता आनंदिता शर्मा के कोरोना संक्रमण की जांच रिपोर्ट निगेटिव आई है। जबकि उन्होंने किसी प्रकार का सैंपल कहीं भी नहीं दिया था।
आनंदिता शर्मा ने gidhaur.com से बात करते हुए बताया कि बीते 10 फरवरी को उनके पति संजय संजय शर्मा, जो कि सरकारी शिक्षक हैं, उनको 45 वर्ष से अधिक उम्र के फ्रंटलाइन वर्कर होने के नाते बूस्टर डोज़ का टीका लगाया गया। इस दौरान वे भी साथ गई थीं। मौके पर रजिस्टर में आनंदिता शर्मा का नाम भी लिख दिया गया, लेकिन बूस्टर डोज़ के केटेगरी में फिलहाल न होने के कारण रजिस्टर से उनका नाम काट दिया गया।
इसके बाद 11 फरवरी को आनंदिता शर्मा एवं उनके पति संजय शर्मा के मोबाइल फोन पर कोरोना जांच के रिपोर्ट का एसएमएस आ गया। जबकि दोनों में से किन्हीं ने भी अपना जांच सैंपल नहीं दिया था। हालांकि राहत की बात यह रही कि जांच रिपोर्ट के आये मैसेज में दोनों व्यक्तियों को निगेटिव बताया गया है।
आनंदिता शर्मा के फोन पर बिहार सरकार के ऑटोमेटेड मैसेज में लिखा हुआ है कि 10 फरवरी 2022 को आपका कोरोना वायरस की जांच के लिए सैंपल लिया गया था। आरटीपीसीआर जांच में वह निगेटिव पाया गया है।
इस बारे में आनंदिता शर्मा ने कहा कि ये सरासर गलत है। ऐसे में जो सही में संक्रमित व्यक्ति हैं वो छुपकर रह जाएंगे। सरकार और स्वास्थ्य विभाग द्वारा केवल आंकड़े जारी किए जा रहे हैं। यह कोरोना संक्रमण की भयावहता को बढ़ावा दे सकता है। केवल खानापूर्ति के लिए जांच रिपोर्ट का मैसेज भेज दिया जा रहा है।