LAKSHMIPUR / लक्ष्मीपुर (न्यूज़ डेस्क) :- जमुई पुलिस अधीक्षक प्रमोद कुमार मंडल ने बीते बुधवार संध्या को थाना परिसर में जनसहयोग से नवनिर्मित ओडी कक्ष का उद्घाटन अपने हाथों से किया. इस मौके पर उन्होंने यहां के लोगों को धन्यवाद दिया. तथा कहा कि सूबे में पहला इस तरह का भवन है जिसकी सुंदरता काबिले तारीफ है. यहां के लोगों के सहयोग से बना यह भवन थाने की सुंदरता को बढ़ा दिया है. उन्होंने यह भी कहा कि बिना जनसहयोग से थाना को चलाना कठिन है. जनसहयोग से ही थाना क्षेत्र में अपराध पर काबू पाया जा सकता है. जनसहयोग से कठिन से कठिन कार्य को किया जा सकता है. इस भवन के बन जाने से 24 घंटे ओडी में तैनात पदाधिकारी, जिनकी डियूटी जिस वक्त होगी इस भवन में अपना कार्य आसानी से कर सकेंगे. तथा थाना पर आने वाले लोगों का फरियाद सुनकर उनकी समस्या का निदान के लिए कारवाई करेंगे. जानकारी हो कि इस भवन के निर्माण में कोई विभागीय या सरकारी पैसे को नही लगाया गया है. बल्कि थानाध्यक्ष मृतुन्जय कुमार पंडित की पहल पर इलाके समृद्ध लोगों के आर्थिक मदद से संभव हो पाया है. इस मौके अवर पुलिस अधीक्षक अभियान सुधांशु कुमार, पुलिस निरीक्षक अखिलेश कुमार, के अलावे थानाध्यक्ष मृतुन्जय कुमार पंडित के साथ थाने के सभी पदाधिकारी तथा कई गणमान्य लोग मौजूद थे
सभी सुबिधा से लैस है ओडी कक्ष
ओडी कक्ष में सारी सुविधा की व्यवस्था की गई है. रात में भी ओडी डियूटी में तैनात पदाधिकारी को कोई दिक्कत नहीं होगी. रोशनी की भरपूर व्यवस्था की गई है. दीवाल में चारों तरफ मूवी पंखे लगे है. कक्ष में सीसीटीवी कैमरों से निगरानी की व्यवस्था की गई है. ताकि थानेदार अपने कक्ष में बैठे बैठे ओडी कक्ष की निगरानी कर सके. सीसीटीवी को ऑनलाइन करने की योजना तैयार है. ताकि थानेदार क्षेत्र भ्रमण के दौरान ओडी कक्ष में कार्य कर रहे पदाधिकारी तथा फरियादी पर नजर रखी जा सके. नवनिर्मित ओडी कक्ष के निर्माण में तीन लाख से ऊपर खर्च की जा चुकी है.
थानाध्यक्ष मृत्युंजय कुमार पंडित की पहल से हो पाया सम्भव
ओडी कक्ष के निर्माण में एक भी कार्य सरकारी या विभागीय पैसे से नहीं की गई हैं. थानाध्यक्ष मृतुन्जय कुमार पंडित की पहल का नतीजा है कि इन्होंने जनसहयोग की भागीदारी से इस भवन का निर्माण अपनी देखरेख में करवाया. इसकी शुरुआत उस वक्त हुई जब थानाध्यक्ष द्वारा थाना परिसर में बेकार पड़े ईंट बालू तथा पत्थर को थाने के चौकीदार सिपाही तथा पदाधिकारी के सहयोग से थाना का सौंदर्यीकरण का कार्य किया जा रहा था. इस दौरान थाने में ओडी कक्ष की कमी महसूस हुई. उन्होंने थाना क्षेत्र के समृद्ध लोगों के सामने एक प्रस्ताव रखा कि आठ दशक पूर्व बने भवन में थाने के सिरिस्ता तथा ओडी का कार्य किया जा रहा है. भवन की हालत जर्जर होने से 24 घंटे ओडी डियूटी में तैनात रहने वाले पदाधिकारी उस भवन में कार्य करने में भय महसूस करते हैं. आप लोगों का सहयोग हुआ तो एक ओडी कक्ष बनाया जा सकता है. थानाध्यक्ष के इस प्रस्ताव को समृद्ध लोगों ने सराहना करते हुए हर सम्भव मदद का आश्वासन दिए. उसके बाद कार्य का मूर्त रूप दिया गया।
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