Jamui / जमुई (न्यूज़ डेस्क) :-
घर में कोरोना के मरीजों द्वारा ऑक्सीजन का प्रयोग करते समय विशेष एहतियात और साफ सफाई का ध्यान रखकर ब्लैक फंगस (Black Fungus) से बचा जा सकता है। जानकारी देती हुई नेत्र सर्जन डा. नेहा सिंह ने बताया कि यदि लंबे समय तक घर में ऑक्सीजन का प्रयोग किया जा रहा है तो ह्यूमिडिफायर में नल के पानी की जगह डिस्टिल्ड वाटर का ही प्रयोग करना चाहिए और चिकित्सक की निगरानी भी जरूरी है। उन्होंने बताया कि यह फंगस वातावरण में आपके चारों ओर फैला हुआ है, खासकर जहां गंदगी और नमी भरा स्थान है। यह फंगस सड़े हुए फलों में भी पाया जाता है। यह फंगस नाक द्वारा आपके शरीर में प्रवेश करता है तथा नाक से साईनस, आंख, जबड़े के साथ फेफड़े को भी प्रभावित करने लगता है और दिमाग में भी फैल जाता है। जिन लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता ऑक्सीजन और स्टेरायड के अधिक प्रयोग से कम हो जाती है,उन्हें यह फंगस अधिक प्रभावित कर रहा है। ब्लैक फंगस के लक्षणों को समझकर इसके तुरंत जांच कराने के बाद उपचार करने से ठीक किया जा सकता है। इसके मुख्य लक्षणों में नाक से भूरे रंग का पानी आना, नाक से खून आना, चेहरे के आधे हिस्से में दर्द होना, सूजन होना, चेहरे के एक तरफ तेज दर्द होना,अचानक एक आंख से कम दिखाई पड़ना या दो दो चीजें दिखाई पड़ना, आंख लाल होना, आंख में सूजन आना,आंख बाहर आना, बुखार और शरीर में कमजोरी होने लगती है.। फंगस किडनी, कैंसर, एचआईवी के मरीजों और खासकर मधुमेह के रोगियों के लिए अत्यंत खतरनाक है। इसलिए मधुमेह मरीज को लगातार अपने शुगर लेवल की जांच कराते हुए उसे नियंत्रित रखकर दवा लेते रहना चाहिए। मधुमेह फंगल इंफेक्शन को आमंत्रित करता है। इसलिए शुगर के मरीजों को विशेष सावधानी बरतने की जरूरत है।इस वक्त धूल, मिट्टी और बागवानी से लोगों को बचना चाहिए। मास्क का प्रयोग अवश्य करना चाहिए। कपड़े के मास्क को रोज धोकर आयरन करने के बाद ही पहनना चाहिए। ब्लैक फंगस अत्यंत ही घातक और जानलेवा है।लेकिन समय रहते इसकी जांच कर उपचार से इसे ठीक किया जा सकता है।
Edited by :Abhishek Kr.Jha
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