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गिद्धौर : एक ही विद्यालय में हैं दो प्राचार्य, नहीं हुआ प्रभार का आदान-प्रदान

 【न्यूज़ डेस्क | अभिषेक कुमार झा】 :-

 शिक्षा व्यवस्था के सुदृढ़ीकरण को लेकर सरकार कोरोना काल से बंद पड़े विद्यालयों के खुलते ही, बेपटरी हो चुकी शिक्षा व्यवस्था को दुरुस्त करने की हर मुमुकिन कवायद कर रही हैं ताकि बीते वर्ष से लंबित पड़े बच्चों की शिक्षा को पुनः संचालित कर उन्हें बेहतर शिक्षा मुहैया कराई जा सके  और इसके लिए शिक्षा विभाग द्वारा सरकारी निर्देश पर कैच-अप कोर्स, प्रवेशोत्सव अभियान, आदि चलाकर बच्चों को विद्यालय से जोड़ने के लिए, जिलेभर के विद्यालयों को निर्देश दे चुकी है, लेकिन इन सब से इतर , जिले के गिद्धौर प्रखण्ड का एक ऐसा विद्यालय , जहां शिक्षा विभाग के उदासीन कार्यशैली के कारण मध्य से उत्क्रमित उच्च विद्यालय में अपग्रेड हुआ उ उ वि सेवा में विगत चार वर्षों से एक ही विद्यालय में दो प्राचार्य के प्रभार के आपसी पेंच में फंसकर रह गया है, जिसके कारण इस विद्यालय में पढ़ने वाले सैंकड़ों बच्चों पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है।

सेवा विद्यालय, फ़ाइल फ़ोटो ◆ gidhaur.com

- विद्यालय के दहलीज पर दम तोड़ रही है सरकारी नियमावली -

उक्त विद्यालय में दो-दो स्मार्ट क्लास का संचालन भागीरथ कुमार अपने देख रेख में कर रहे हैं। विभागीय सूत्रों की मानें तो स्मार्ट क्लास के संचालन से मिडल स्कूल के छात्रा छात्राएं लाभान्वित नहीं हो पाते। खबर यहां तक है कि शिक्षा विभाग के वेब्साइट मेधासॉफ्ट में भी भागीरथ कुमार छेड़छाड़ कर योग्य लाभार्थियों को अयोग्य व योग्य को अयोग्य चिन्हित कर विभाग को चूना लगा रहे हैं। विद्यालय में पंजीकृत 400-500 बच्चों के भविष्य की बागडोर पदस्थापित 14 शिक्षकों पर है। विद्यालय के टूटे बाउंड्री वॉल की मरम्मतीकरण कार्य अधर मे है। बता दें, गिद्धौर का एक मात्र आदर्श विद्यालय के रूप में स्थापित उक्त विद्यालय में  विभागीय अनदेखी का आलम यह कि यहां खाता संचालन भी नियोजित शिक्षकों द्वारा ही किया जा रहा है, जबकि सरकारी मापदण्डों के आधार पर यह पूर्णतः नियमों के विपरीत है।

- विभागीय कार्यों में बन रही विवाद की स्थिति -

बताते चलें कि, बिहार सरकार के  शिक्षा विभाग के विशेष सचिव के ज्ञापांक 2178 दिनांक 08/09/2017 के आलोक में विभागीय पत्र जारी कर उत्क्रमित से उच्च मा. विद्यालय में प्रोन्नत हुए विद्यालय में प्रभारी प्रधानाध्यापक घोषित करने हेतु मापदण्ड निर्धारित किया गया था, जिसके तहत मध्य विद्यालय में यदि जिला सम्वर्ग के प्रधानाध्यापक पदस्थापित हैं, तो वे नव उत्क्रमित से उच्च माध्यमिक विद्यालय के प्रभारी प्रधानाध्यपक के दायित्वों का निर्वहन करेंगे। 

वहीं, उक्त आदेश के आलोक में उ म वि सेवा में सुशील कुमार सिंह को प्रभारी प्रधानाध्यापक के रूप में तत्कालीन जिला शिक्षा पदाधिकारी विजय कुमार हिमांशु ने ज्ञापांक 20 के माध्यम से दिनांक 09/01/2019 को एवं ज्ञापांक 158 दिनांक 22/03/2017  के मध्यम से डीपीओ माध्यमिक शिक्षा द्वारा प्राधिकृत किया था। 

इससे पूर्व जिला कार्यक्रम पदाधिकारी माध्यमिक शिक्षा के ज्ञापांक 81 दिनांक 18/02/2017  द्वारा पूर्व में भागीरथ कुमार को उक्त विद्यालय का प्रभारी बनाया गया था। बावजूद इसके आज तक भागीरथ कुमार प्र. प्र. अ. उच्च विद्यालय सेवा द्वारा प्रभार का आदान प्रदान नहीं किये जाने से  प्रभार का प्रधानाध्यापक की कुर्सी पर पेंच फंसकर रहा गया है। जिसके कारण विद्यालय में शैक्षणिक, वित्तीय व अन्य विभागीय कार्यों में विवाद की स्थिति बनी है, जिससे ग्रामीण भी इंकार नहीं करते।

सुशील कुमार सिंह, प्राचार्य ◆ gidhaur.com


- बोले प्रभारी, बीईओ को दी गई है जानकारी -

विभाग द्वारा सौंपे गए जिम्मेदारियों का निर्वहन निष्ठापूर्वक कर रहा हूँ, जिसपर अन्य शिक्षक अपनी रोटी सेंक रहे हैं। उक्त मामले को लेकर बीईओ को लिखित सूचना दी गई है।

  ~ सुशील कुमार सिंह, प्रधानाध्यापक, 

           म वि सेवा, गिद्धौर (जमुई) 


 - बोले अधिकारी, होगी जांच -

" विद्यालय में पूर्व से जब प्रधानाध्यापक हैं तो दूसरा अनुचित है। सम्बन्धित दोनों प्रभारियों से दस्तावेज संकलित कर जांचोपरांत विभागीय कार्रवाई की जाएगी।"

  ~ मो. शमशुल हौदा,

प्रखण्ड शिक्षा पदाधिकारी, गिद्धौर (जमुई)


नोट : प्रकाशित किये खबर में विभागीय मापदंड, व नियमावली समेत आशय की जानकारी , संकलित दस्तावेजों के आधार पर की गई है। प्राधिकरण-पत्र व विभागीय नियमावली की प्रति gidhaur.com के पास साक्ष्य के रूप में संग्रहित है।

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