नमस्तुभ्यं! गिद्धौर की प्रगति, जिसने बिहार रग्बी की टीम में शामिल होकर बढ़ाया मान

 मनुस्मृति (3/56) में वर्णित है :

यत्र नार्यस्तु पूज्यन्ते रमन्ते तत्र देवताः।
यत्रैतास्तु न पूज्यन्ते सर्वास्तत्राफलाः क्रियाः।।

अर्थात :
जहाँ स्त्रियों की पूजा होती है, देवता वहाँ निवास करते हैं.
और जहाँ स्त्रियों की पूजा नही होती है, उनका सम्मान नहीं होता है, वहाँ किये गये समस्त अच्छे कर्म निष्फल हो जाते हैं.

अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस 8 मार्च के उपलक्ष्य में gidhaur.com आपको रूबरू करवाएगा ऐसी नारी शक्तियों से, जिन्होनें सामाजिक तानेबानों से ऊपर उठकर परिवर्तन के साथ विभिन्न क्षेत्रों में नए मिसाल कायम किये. 8 फ़रवरी से 8 मार्च तक आप प्रतिदिन gidhaur.com के माध्यम से अपने आसपास की ऐसी नारी शक्तियों के बारे में जान पाएंगे जिनकी उपलब्धियों पर आपको गर्व महसूस होगा. इस दौरान आप gidhaur.com के एडिटर-इन-चीफ सुशान्त साईं सुन्दरम के द्वारा लिखे गए 28 नारी शक्तियों के बारे में पढ़ेंगे. हमें पूरी उम्मीद है कि आपको हमारी यह पहल पसंद आयेगी. इस विशेष पहल का नाम नमस्तुभ्यं! रखा गया है, जो कि समस्त नारी शक्ति को समर्पित है. नमस्तुभ्यं का अर्थ है - नमस्कार. और हम इन नारी शक्तियों को उनकी उपलब्धियों और योगदान के लिए नमस्कार करते हैं.

अगर आपके आसपास भी कोई ऐसी प्रेरक महिला हैं, जिनके बारे में लिखा जाना चाहिए तो आप ई-मेल के माध्यम से editor@gidhaur.com पर संपर्क कर सकते हैं. इसके साथ आपके सुझाव भी सहर्ष आमंत्रित हैं.

8  फरवरी 2021 | नमस्तुभ्यं!
स्कूल में फिजिकल ट्रेनर उदय सर फुटबॉलर हरिशंकर प्रसाद की कहानी सुनाते. वे हमेशा बताते कि कैसे उन्होंने खेलना शुरू किया और उनके बारे में बताते. उस वक़्त अपने ही पापा के बारे में सुनना बहुत अलग सा लगता था. फ्रेंड्स मजाक में कहते  कि तुम्हारे पापा फुटबॉलर हैं तो तुम भी फुटबॉल खेलती होगी. तब लगता था कि पापा ने खेला है तो मुझे भी खेलना चाहिए. समझिये तो स्पोर्ट्स में और मेरी लाइफ में इंस्पिरेशन मेरे पापा हैं.
सुशान्त साईं सुन्दरम
एडिटर-इन-चीफ, gidhaur.com

आज नमस्तुभ्यं! की पहली स्टोरी में gidhaur.com आपको बताने जा रहा है गिद्धौर की बेटी और बिहार स्टेट रग्बी टीम की प्लेयर प्रगति सागर के बारे में. गिद्धौर निवासी हरिशंकर प्रसाद और निर्मला कुमारी की बेटी प्रगति बिहार स्टेट रग्बी टीम का हिस्सा रही हैं. नवंबर 2018 में उन्होंने मुंबई में आयोजित हुए ए-डिवीज़न नेशनल रग्बी चैंपियनशिप में भाग लिया था. 

प्रगति सागर की प्रारंभिक शिक्षा गिद्धौर सेंट्रल स्कूल से हुई. इसके बाद उन्होंने चौथी कक्षा से दसवीं तक की पढ़ाई संत जोसफ स्कूल झाझा से की. वर्ष 2017 में उन्होंने दसवीं के बोर्ड दिए और आगे ग्यारहवीं-बारहवीं की पढ़ाई के लिए प्रोग्रेसिव सेंट्रल स्कूल, समस्तीपुर में दाखिला लिया. यहाँ से ही रग्बी के मैदान में उनके खेलने की शुरुआत हुई. gidhaur.com के लिए सुशान्त से बात करते हुए प्रगति ने बताया कि वे इससे पहले किसी और गेम में खेल रहीं थीं, लेकिन उधर कुछ हो नहीं पाया तो वे रग्बी में आईं. यहाँ ही पढाई के दौरान उनका सिलेक्शन नवंबर 2018 में मुंबई में आयोजित हुए ए-डिवीज़न नेशनल रग्बी चैंपियनशिप के लिए बिहार स्टेट रग्बी टीम में हुआ.
बिहार स्टेट रग्बी टीम में प्रगति (आगे की पंक्ति में बाएं से दूसरी)
प्रगति अभी पटना विमेंस कॉलेज में बीबीए की पढ़ाई कर रही हैं. बातचीत में उन्होंने बताया कि क्लास 7 से ही मन में था कि कॉमर्स में करियर बनाना है. आईसीएसई बोर्ड में क्लास 7 के बाद आता है कि कॉमर्स या कंप्यूटर में से कोई एक स्ट्रीम चुनना होता है. प्रगति ने कहा कि शुरुआत से ही मेरे मन में था कि कॉमर्स लेना है तो इसलिए मैंने कॉमर्स लिया. फिर इलेवेंथ-ट्वेल्थ में जाकर पता चला कि बीबीए-एमबीए भी कोर्स होता है. तो एमबीए किसी और भी स्ट्रीम से ग्रेजुएशन के बाद हो जाता है, लेकिन मेरा एम हमेशा से कॉमर्स था तो इसलिए मैनें बीबीए सेलेक्ट किया.
तरंग प्रतियोगिता में ग्रुप के साथ प्रगति (सबसे बाएं)
प्रगति ने बताया की स्कूल के समय कई सारे को-करिकुलर एक्टिविटीज में पार्टिसिपेट किया है, जो की स्कूल के भीतर ही होते थे. संत जोसफ स्कूल झाझा में क्लास नाइंथ में कल्चरल स्पोर्ट्स मिनिस्टर थी. उस टाइम स्पोर्ट्स में इंटरेस्ट तो था लेकिन ज्यादा से ज्यादा कॉन्ट्रिब्यूशन कल्च्लरल इवेंट्स में जाता था. अभी भी रेगुलरली कॉलेज में भी कल्चरल इवेंट्स में पार्टिसिपेट करती हैं. टेंथ के बाद एलेवेन-ट्वेल्थ में पूरा फोकस स्पोर्ट्स पर ही रहा. बिहार राज्य अंतर विश्वविद्यालय सांस्कृतिक उत्सव तरंग प्रतियोगिता में प्रगति ने पटना विमेंस कॉलेज की तरफ से बिहार लोक नृत्य में ग्रुप डांस की प्रस्तुति देकर गोल्ड मेडल जीता है. वे कॉलेज के कई आयोजनों में सम्मानित भी हुई हैं.
तरंग प्रतियोगिता में गोल्ड मेडल जीतने के बाद प्रगति (आगे की पंक्ति में लाल सूट में)
रग्बी के मैदान पर फिर से वापसी के सवाल पर प्रगति कहती हैं कि कोविड के कारण आयोजनों पर रोक हुए हैं लेकिन कॉलेज में स्पोर्ट्स है और ग्राउंड है तो अपनी तरफ से प्रैक्टिस अब भी जारी है. कॉलेज में गेम्स नहीं होते हैं तो टीम में नहीं हैं, लेकिन खुद से प्रैक्टिस रेगुलर होता है.प्रगति कहती हैं कि टीम में सिलेक्शन के लिए फिटनेस चाहिए होता है. इसके लिए एक्सरसाइज और रंनिंग सबसे इम्पोर्टेन्ट है, जो वे रेगुलर करती हैं. साथ ही योग का कोर्स भी है तो वो भी करती हैं. वे बताती हैं कि अपने स्वास्थ्य का ध्यान खूब रखती हैं. सोच समझकर खाती हैं. स्ट्रीट फ़ूड ज्यादा से ज्यादा अवॉयड करती हैं, फिर भी खाती हैं.
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प्रगति के परिवार में उनके मम्मी-पापा, बड़े भाई और एक छोटी बहन हैं. वे बताती हैं की फैमिली में सभी के क्लोज़ हैं. जब भी जरूरत होती है या सजेशन के लिए सबके पास जाना पड़ता है. कुछ भैया से सजेशन लेती हूँ, कुछ मम्मी से, कुछ अपनी छोटी बहन से. प्रगति अपनी छोटी बहन के बारे में बताते हुए कहती हैं - 'शी'ज़ वैरी स्मार्ट'. उन्होंने बताया कि फैमिली ने हमेशा से उन्हें बहुत सपोर्ट किया है. मोटिवेशन और इंस्पिरेशन उन्हें पापा से हमेशा मिलते रहता है.

gidhaur.com प्रगति सागर को ढेर सारी शुभकामनाएं देते हुए उनके उज्जवल भविष्य की कामना करता है!

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