Barahat / बरहट (न्यूज़ डेस्क) :- वर्षान्त के बीच अब गुलाबी ठंड ने दस्तक दे दी है। ऐसे में हल्की बूंदाबांदी के बीच बढ़ती ठंड में पशुओं को सामान्य दिनों से ज्यादा देखभाल करनी होती है। मौसम में बदलाव के साथ जानवरों को सर्दी के मौसम में होने वाली बीमारियों में खुरपका व मुंहपका सामान्य तौर पर होती है। इसके लिए पशुपालकों को सर्दी में कुछ विशेष ध्यान देना होता है। डाक्टरों का कहना है कि इस मौसम में दुधारू पशुओं और उनके बच्चों की ज्यादा केयर करनी होती है। उनके रहने और खाने पीने पर पूरा ध्यान दें। गीले स्थान पर खड़े होने से बचाएं। अगर थोड़ी धूप उगे तो वो पशुओं को धूप में रखना लाभदायक होती है।वहीं पशुओं को ठंडी हवा से बचना बहुत जरूरी होता है।
इन दिनों जानवरो में खुरपका व मुंहपका बीमारी होती है। खुरपका बीमारी में पैरों के खुर के बीच छाले, लार टपकना, कांपना, चारा कम खाना, दूध कम देना, तेज बुखार आदि बीमारियां होती है। मुंहपका बीमारी में जानवर के मुंह में छाले पड़ जाते है। इसमें जानवरों को चारा उठाने में दिक्कत होती है जिसके कारण वह चारा कम खाते है।
कैसे करे बचाव -
पशु चिकित्सक डॉ. ललिता कुमारी का कहना है कि पशुओं को बीमारी से बचाने के लिए जानवरों को टीका लगवाना चाहिए। इसके अलावा मुख्य बात यह है कि जानवरों को खाली पेट नही रखना चाहिए। जानवरों के बच्चों को आग की गर्माहट देते रहना चाहिए। जानवरों को छायादार स्थान पर बांधना चाहिए। जानवरों को बैठने के स्थान वाली जगह सूखी होना चाहिए इसके नीचे पुआल बिछाना चाहिए। गीला होने पर उसे बदलते रहना चाहिए।
Edited by - अभिषेक कुमार झा , gidhaur.com
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