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सुशान्त साईं सुन्दरम की किताब 'स्वतंत्रता संग्राम के हीरा : कुमार कालिका प्रसाद सिंह' का कवर पेज लॉन्च


  • कुमार कालिका प्रसाद सिंह की 67वीं पुण्यतिथि पर किताब के कवर पेज की हुई लॉन्चिंग
  • गिद्धौर राज रियासत के थे कुमार कालिका प्रसाद सिंह
  • हीरा जी के प्रपौत्र कुमार पुष्पराज ने किया लॉन्च
जमुई : स्वतंत्रता संग्राम में अपना अद्वितीय योगदान देने वाले कुमार कालिका प्रसाद सिंह की 67वीं पुण्यतिथि पर गुरुवार को युवा लेखक सुशान्त साईं सुन्दरम की किताब 'स्वतंत्रता संग्राम के हीरा : कुमार कालिका प्रसाद सिंह' के कवर पेज का लॉन्चिंग किया गया. यह लॉन्चिंग कुमार कालिका प्रसाद सिंह के प्रपौत्र महुलीगढ़ के कुमार पुष्पराज ने किया.

कवर पेज लॉन्च करते हुए कुमार पुष्पराज ने कहा कि कुमार कालिका प्रसाद सिंह के बारे में गिद्धौर और जमुई जिला के लोगों को अधिक जानकारी नहीं है. यह दुर्भाग्य है कि लोग स्वतंत्रता संग्राम में उनके योगदान को भूलते जा रहे हैं. सुशान्त साईं सुन्दरम की किताब के प्रकाशन से उम्मीद है कि लोग हीरा जी के बारे में बहुत सी बातें जान पाएंगे और उनके जीवन से प्रेरणा लेंगे. इसके लिए सुशान्त को मेरी शुभकामनाएं हैं.

इस मौके पर सुशान्त साईं सुन्दरम ने महुलीगढ़ के कुमार पुष्पराज जी का आभार व्यक्त किया. उन्होंने कहा कि यह मेरे लिए सौभाग्य की बात है कि कुमार कालिका प्रसाद सिंह के प्रपौत्र के हाथों इस किताब के कवर पेज की लॉन्चिंग की गई है. कि कुमार कालिका प्रसाद सिंह स्वतंत्रता संग्राम में बिहार के पहले सेनानी हुए. उन्होंने गिद्धौर राज रियासत के खिलाफ बगावत करते हुए भी स्वतंत्रता संग्राम में अपना योगदान दिया. जब गिद्धौर रियासत द्वारा उनपर पाबंदियां लगाई गई तो उन्होंने महुलीगढ़ का स्वेच्छा से त्याग कर दिया और बनझुलिया गांव में झोपड़ी बनाकर रहने लगे. यह दर्शाता है कि वे वास्तविकता में अपने नाम के अनुरूप ही हीरा थे. 'स्वतंत्रता संग्राम के हीरा : कुमार कालिका प्रसाद सिंह' किताब का प्रकाशन जल्द ही होगा. इसे पढ़ने के बाद जिलेवासियों को कुमार कालिका प्रसाद सिंह के बारे में कई नई जानकारियां मिलेंगी.

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