【News Desk | अभिषेक कुमार झा 】 :-
राज्य में जिस तरह से सियासी घटनाक्रम बदल रहा है, उससे जमुई सांसद चिराग पासवान (Chirag Paswan) की मुश्किलें बढ़ती जा रही है।
सत्ता पक्ष के करीबी सूत्रों की यदि मानें तो, वर्ष 2005 के बाद LJP के वोट शेयरियंग में गिरावट आई है। ऐसे में सांसद चिराग की मांगें पूरी करने में एनडीए बैकफुट पर दिख रही है ।
इधर, राजनीतिक सूत्रधारों की माने तो, लोजपा के पास अब ज्यादा विकल्प नहीं है और अब वह सीटों को लेकर ज्यादा मोलभाव करने की स्थिति में नहीं हैं। हालांकि, सांसद चिराग रालोसपा के अगले कदम का इंतजार करते हुए सीट बंटवारे पर फिलहाल चुप्पी साध रखी है।
वहीं, जमुई जिले के राजनीतिक पण्डितों का कहना है कि राज्य में तेजी से बदल रहे चुनावी गणित के बीच एलजेपी सुप्रीमो चिराग पासवान की चुप्पी के भी कई मायने निकाले जा रहे हैं। इधर, सुर्खियों में रहे रालोसपा सुप्रीमो उपेंद्र कुशवाहा और सीएम नीतीश कुमार की सियासी अदावत को लेकर श्री कुशवाहा के लिए एनडीए की राहें आसान प्रतीत हो रही हैं।