
एक तो कोरोना वायरस (Corona Virus) की वजह से सबके काम-धंधा बंद. ऊपर से बढ़ती महंगाई. गिद्धौरवासियों (Gidhaurians) को बड़ी समस्याएं झेलनी पड़ रही है. सब्जियों (Vegetables) के बेहिसाब बढ़ते दाम (Rate) ने सबको सोचने को मजबूर कर दिया है.
खाने की थाली से सब्जियों के आइटम घटते ही जा रहे हैं. दाम (Cost) इतने अधिक कि लोग बाजार निकलें तो सौ बार सोचें कि सौ रुपये में आएगा क्या? जबसे एक रुपये-दो रुपये के सिक्के चलने बंद हुए हैं, तबसे तो हर सामान की कीमत ही राउंड अमाउंट में हो गई है.
गिद्धौर (Giddhaur) के प्रिंस मार्केट (Prince Market) परिसर के सब्जी विक्रेता नंदलाल कुमार बताते हैं कि सब्जियों के रेट मंडी से ही बढ़े हुए हैं. ऊपर से लाने का भाड़ा और फिर आये स्टॉक में सड़े-गले सब्जियों का निकलना. सबका मेकअप करने के लिए जो बिक्री रेट तय होता है वो ज्यादा हो जाता है. कोरोना के चलते लगे लॉक डाउन (Lockdown) के कारण लोग घरों से निकलते नहीं.


- परवल (देसी) - ₹80 प्रति किलो
- परवल (बंगाल) - ₹60 प्रति किलो
- झींगा - ₹40 प्रति किलो
- टमाटर - ₹70 प्रति किलो
- नींबू - ₹5 का एक
- मिर्च - ₹120 प्रति किलो
- बोड़ा - ₹50 प्रति किलो
- खखसी - ₹40 प्रति किलो
- करेला - ₹40 प्रति किलो
- बैंगन (छोटा) - ₹40 प्रति किलो
- बैंगन (भाटा) - ₹60 प्रति किलो
- ओल - ₹40 प्रति किलो
- अदरक - ₹80 प्रति किलो
- धनिया पत्ता - ₹400 प्रति किलो
- भिंडी - ₹20 प्रति किलो
- खीरा - ₹20 प्रति किलो
- परोल - ₹30 प्रति किलो