Breaking News

6/recent/ticker-posts

Exclusive : KYP घोटाले से दर्जनों जिंदगी बेपटरी करने वाला सरगना कानूनी गिरफ्त से बाहर


[Simultala News | मुकेश कुमार सिंह ] :- बिहार सरकार के सात निश्चय योजना ( 7 Nishchay) में से एक कुशल युवा प्रोग्राम (Kushal Yuva Program)में हुए धांधली ने दर्जनो परिवार की जिंदगियां तबाह कर दी। मामला सिंधु स्किल डेवलपमेंट (Sindhu Skill Development) सह सिंधु स्टेट सिमुलतला (Sindhu State , Simultala)  के निदेशक पीके सुमन (P K Suman ) द्वारा किये गए फर्जीवाड़े से जुड़ा है।

इस व्यक्ति की ठगी के शिकार जहानाबाद (Janahanabaad) के एक सेवानिवृत्त पशु चिकित्सक की सदमे के कारण मौत भी हो गई। श्री सुमन के ऊपर जमुई न्यायालय एवं सिमुलतला थाना (Simultala PS) में लगभग आधे दर्जन से अधिक मामले दर्ज है, फिर भी यह शख्स कानून के साथ आंखमिचौली का खेल खेलकर बड़े ही मिजाज से खुले आम घूम रहा है।                                      सिमुलतला में इस व्यक्ति की पहली फर्जीवाड़े का राज उस वक्त सामने आया था जब सन 2018 में श्रम संसाधन विभाग बिहार सरकार के मुख्य सचिव दीपक कुमार सिंह (Chief Secretary Deepak Kumar Singh) के फर्जी हस्ताक्षर के विरुद्ध जमुई जिला नियोजन पदाधिकारी निशांत कुमार सिन्हा ने सिमुलतला थाना कांड संख्या 52/18 में सुमन के विरुद्ध FIR दर्ज कराई थी।


क्या था मामला -


श्रम संसाधन विभाग बिहार सरकार की योजना बिहार स्किल्स डेवलपमेंट मिशन (Bihar Skill Development Mission) को जमुई जिले में संचालन के लिए कुल 6 KYP का लेटर ऑफ एलाटमेंट जिलेनियम टेक्नोलॉजी जमुई (Zelinium Technology Jamui) के नाम से निर्गत किया गया था। उक्त टेक्नोलॉजी द्वारा कुल 6 केंद्रों में सिमुलतला एवं बोड़वा के लिए फूल कुमारी झा, खैरा में राजेश कुमार, महादेव सिमरिया एवं सिकन्दरा में संजीव कुमार, लक्ष्मीपुर में दिलीप कुमार दास के नाम से फ्रेंचाइजी दिया गया। केंद्र खोले जानें के कुछ माह बाद इनलोगों के बीच हुई कुछ आपसी विवाद के कारण जिलाधिकारी जमुई (Jamui DM) के अनुसंशा पर जिलेनियम टेक्नोलोजी को काली सूची में दर्ज कर बंद कर दिया गया। साथ ही तत्कालीन जिला नियोजन पदाधिकारी गजेंन्द्र कुमार द्वारा टेक्नोलोजी के संचालक मुकेश कुमार पर जमुई थाना कांड संख्या 497/18 के तहत प्राथमिकी दर्ज कर कानूनी कार्रवाई की जा रही है। जिलेनियम को काली सूची में जानें के उपरांत सिन्धु के निदेशक ने श्रम संसाधन विभाग (Ministry of Labour) के प्रधान सचिव की फर्जी हस्ताक्षर के इस खेल को अंजाम दिया। जिलेनियम टेक्नोलॉजी के साथ सम्बद्व KYP केंद्र महादेव सिमरिया एवं सिकन्दरा के संचालक संजीव कुमार सिंह नें जिलेनियम को काली सूची में जानें के उपरांत सिन्धु स्किल्स (Sindhu Skills) के निदेश से संपर्क किया। क्योंकि उन्हें यह जानकारी मिली थी कि श्रम संसाधन विभाग द्वारा नए तरीके से लेटर आफ एलाटमेंट सिन्धु को प्राप्त हुई है। सिन्धु के निदेशक सुमन एवं संजीव के बीच हुई बातचीत के उपरांत सुमन ने एक केंद्र की फ्रेंचाइजी के लिए दो लाख रुपए नकद एवं प्रति फ्रेंचाइजी की आय पर 30 फीसदी कमीशन का शर्त रखा। बातचीत के दौरान संजीव ने श्रम विभाग द्वारा सिन्धु के नाम से निर्गत लेटर आफ एलाटमेंट (Letter Of Allotment)  की कोपी लेकर अपने साथ रख लिया। साथ ही पैसे लेनदेन की जो भी बातचीत हुई थी उसकी रिकाडिंग भी रख लिया। फिर उन्होंने श्रम संसाधन विभाग के प्रधान सचिव को उक्त लेटर आफ एलाटमेंट के आलोक में एक पत्र लिखकर सच्चाई जाननें की कोशिश किया। प्रधान सचिव को पत्र प्राप्त होते ही उन्होंने मामले को संज्ञान में लिया और जिला नियोजन पदाधिकारी को उक्त जालसाज के आरोपी के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज करने का निर्देश दिया।


किससे हुई कितने की ठगी -


जमुई न्यायालय वाद संख्या 864सी/2018 के तहत वादी निखत प्रवीण जो सिंधु स्किल में लेखपाल के पद पर कार्यरत थी, इनकी कई माह का तबख्वाह बांकी था अचानक इनकी मां की तवियत खराब हो गई, लेखपाल ने जब सिंधु के निदेशक सुमन से पैसों की मांग किया तो उसे 24000 का एक चेक सौप दिया, उक्त चेक को लेकर वो पटना मां के इलाज के लिए चली गई, पटना में वो जब बैंक से पैसों की निकासी के लिए गई तो चेक बाउंस कर गया, जिसके कारण उन्हें काफी परेशानी का सामना करना पड़ा, लिहाजा महिला ने चेक बाउंस का मुकदमा जमुई न्यायालय में दायर किया है। वहीं मित्रवत सम्बन्धों के कारण दीपक कुमार पंडित ग्राम खुरंडा, थाना सिमुलतला से सुमन ने एक लाख रुपये उधार लिया था वापसी में चेक दिया गया जो जिसके बाउंस होने पर न्यायालय परिवाद 935सी/2018 दर्ज है, साथ ही मित्रवत सम्बन्ध के कारण बजरंगी पंडित, ग्राम नरगंजो, थाना झाझा से भी एक लाख रुपया लिया था उसपर भी चेक बाउंस का न्यायालय परिवाद 936सी/2018 दर्ज है, इसके अलावे अवनी भूषण ग्राम+ पोस्ट धानादिह, थाना परसावा, जिला जहानाबाद से सुमन ने 13 लाख रुपया का ठगी किया, यह व्यक्ति सेवानिवृत्त पशु चिकित्सक थे जिन्हें अपने संस्थान में प्रशिक्षक  के पद पर रखा था, पैसे वापसी के दौरान उन्हें भी तेरह लाख का चेक दिया था जो बाउंस होने बाद जमुई न्यायालय परिवाद में 1496सी/2019 दर्ज किया गया था इसी सदमे के कारण इस चिकित्सक की मृत्यु हो गई। मृत्यु के बाद उनके पुत्र डॉ. मरीचि माली रंजन ने सुमन पर सिमुलतला थाना कांड संख्या 33/20 दर्ज किया है। इतना ही नही सिमुलतला थाना क्षेत्र के खुरंडा गांव निवासी दिलीप पंडित से भी 2017 में नौ लाख रुपया ठगी किया था। पैसे वापसी में चेक बाउंस होने के कारण सिमुलतला थाना कांड संख्यां 32/20 दर्ज है। इतने सारे फर्जीवाड़े एवं ठगी के बाद भी यह व्यक्ति खुले आम घूम रहा है।


कौन है पीके सुमन - 

 

झुमरी तिलैया, जिला कोडरमा झारखंड निवासी,    निवासी प्रमोद कुमार सुमन उर्फ पीके सुमन विगत कुछ वर्षों से संपतचक पटना में सिन्धु पब्लिए स्कूल (Sindhu Public School) के नाम से एक अंग्रेजी माध्यम के विद्यालय का संचालन कर रहा था। लेकिन कुछ वर्ष पूर्व किसी कारण वश उसकी उक्त विद्यालय बंद हो गई। फिर उसने भारतीय उपचर्य परिषद के तहत संचालित स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के सांविधिक निकाय में सिन्धु एएनएम नरसिंग स्कूल (Sindhu ANM Nursing School) की अनुमति प्राप्त कर विद्यालय का संचालन प्रारम्भ किया। पटना में विद्यालय खोलनें के बाद सुमन ने सिमुलतला के सिंयाटांड मौजा में स्थित सैलानी की एक आलीशान बंगले की खरीद किया। जिसका नाम भी सिन्धु स्टेट रखा गया और कुछ ही दिन बाद उक्त कोठी में सिन्धु मेरीटाइम एकेडमी का संचालन प्रारम्भ किया गया। कुछ वर्ष बाद यह एकेडमी भी विवादों में उलझ कर बंध हो गई। उसके बाद सुमन ने सिन्धु स्किल्स के नाम से KYP का शुभारम्भ किया जो फर्जीवाड़े के आरोप में बंद हो गई। वर्तमान में इनकी पत्नी अर्चना सुमन के नाम पर जमुई में एक रसोई गैस एजेंसी का संचालन किया जा रहा है, साथ ही सिमुलतला में एक पेट्रोल पम्प स्थापना हेतु अनापत्ति प्रमाण-पत्र के लिए जिलाधिकारी जमुई के पास आवेदन लंबित है।

इधर, यदि पी के सुमन पक्ष की बात करें तो इनपर विशेष राजनीतिक दल का संरक्षण बताया जाता है, और ओसे क़यास लगाए जा रहे हैं कि इन्ही संरक्षण के बदौलत ही अब तक इस सरकारी योजनाओं के घोटालेबाज़ कानूनी पचड़े से आज़ाद हैं।

Edited By - Abhishek Kr. Jha 

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ