Maura / Gidhaur | News Desk (अभिषेक कुमार झा) :-
सूबे में विकास को गति देने के लिए एक ओर जहां सरकार ग्रामीण तबके में मूलभूत सुविधाओं के विस्तार करने की कवायद में भ्रष्टाचार के नाम पर जीरो टॉलरेंस की बात करती है , वहीं दूसरी ओर सरकारी आस्तीन के अधिकारी व संवेदक ही सरकारी योजनाओं में अनियमितता की सेंध लगा रहे हैं।
इसकी बानगी गिद्धौर के मौरा पंचायत अंतर्गत वार्ड 3 में देखने को मिली, जहां पीएचइडी द्वारा मुख्यमंत्री नल जल योजना लाखों की लागत से संधारित हो रही है। अनियमितता की नींव पर हो रहे इस कार्य से योजना का भविष्य गर्त में दिख रहा है।
- सवालों के घेरे में है गुणवत्ता -
इस इलाके के ग्रामीणों को शुद्ध पेयजल मुहय्या कराने की मंशा से यहां नल जल योजना का कार्य कराया जा रहा है, जिसमें अनियमितता के साथ मानकों को ताख पर रखकर कार्य कराया जा रहा है जिसपर क्षेत्र के ग्रामीण सवाल उठा रहे हैं। ग्रामीणों ने कहा है कि पेयजल आपूर्ति को लेकर खोदे गए गड्ढ का मानक के अनुरूप नही है जिसके कारण बिछायेे जाने वाले मेन पाइप वाहनों के आवागमन पर क्षतिग्रस्त हो सकता है। वहीं , कई जगहों पर सड़क पर तो कहीं खुले में ही पाईप बिछा दिया गया है, जो कार्य की गुणवत्ता पर सवालिया निशान लगा रही है। ग्रामीणों ने सराकर के इस महत्वाकांक्षी योजनाओं को आमजनों के हित में गुणवत्ता पूर्ण कराये जाने को लेकर विभागीय स्तर पर जांच की मांग की है।
इधर, विभागीय मापदण्डों के अनुसार, कम से कम 3 फ़ीट गहराई पर पाइप बिछाया जाना है, लेकिन खोदे गए गड्ढे की गहराई एक-डेढ़ फ़ीट भी नजर नही आ रही है, जिसकी सुधि लेने वाला कोई नही।
- - - बोल जिम्मेदार - -- --
“ अनियमितता की शिकायत मुझे नहीं है, मामले की जानकारी मिली है, दिखवा लिया जाएगा। “
रंजीत कुमार सिंह, जेई, पीएचईडी।
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“ मानक के अनुरूप कहीं कोई गड़बड़ी नहीं है। विभागीय मापदण्डों पर ही काम हो रहा है। “
- नरेश यादव, संवेदक।