जमुई (Jamui) :- नई शिक्षा नीति (New Education Policy) में क्रांतिकारी बदलाव लाने के प्रशंसनीय प्रावधान किए गए हैं. जिनका खुलकर स्वागत किया जाना चाहिए. पूर्णत: लागू होने पर अगले दशक में भारत पूर्ण विकसित देश हो जाएगा. उक्त बातें पूर्व छात्र नेता सह भाजयुमो (BJYM) प्रदेश कार्यसमिति सदस्य ठाकुर डुगडुग सिंह (Thakur Dugdug Singh) ने कही.
उन्होंने कहा कि विषयों के चयन में लचीलापन विद्यार्थियों को अपनी रूचि के विषय पढ़ने को प्रोत्साहित करेगा. विज्ञान के विद्यार्थी योग और संस्कृत या परिवार प्रबंधन पढ़ सकेंगे. इतिहास के विद्यार्थी मत्स्य पालन पढ़ सकेंगे. यह कदम उत्कृष्टता लाएगा. राष्ट्रीय अनुसंधान न्यास के गठन से शोध के लिए अनुदान लेना आसान हो जाएगा और शोध में पुनरावृत्ति की परंपरा कम होगी. शोध की प्राथमिकताएं विश्व स्तरीय होने लगेंगी.
डुगडुग ने कहा कहा कि प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में राष्ट्रीय शिक्षा आयोग बनने से देश भर में शिक्षा का महत्व बढ़ेगा और बाहरी गुणवत्ता विरोधी हस्तक्षेप पर लगाम लगेगा. स्नातक कक्षा में एक साल के बाद पढ़ाई छोड़ने वाले को प्रमाणपत्र, दो साल के बाद डिप्लोमा, तीन-चार साल के बाद डिग्री देने की धारणा शिक्षा के प्रति और प्रोत्साहन देने वाली है.