Maura / Gidhaur News (अभिषेक कुमार झा ) :-
सक्षम व्यक्ति के सकारात्मक सोच में दूरदर्शिता का मिश्रण आम जन के लिए कितना फायदेमंद होता है , गिद्धौर के मौरा गांव में इसकी बानगी देखने को मिल रही है।
गिद्धौर से महज 7 किलोमीटर दक्षिण की दूरी पर अवस्थित मौरा गांव में महादेव मण्डल ने हॉर्टिकल्चर किसान नर्सरी की स्थापना 30 वर्ष पूर्व की थी।
बेहद कम साधन और संसाधनों के साथ पर्यावरण संरक्षण की ओर अपना कदम बढ़ाने के बाद आज महादेव मण्डल की मेहनत अपने गांव के साथ-साथ अंतरजिला में भी हरियाली बिखेर रही है।
आधुनिकरण को परिभाषित करते हुए 60 वर्षीय महादेव मण्डल बताते हैं कि स्थापना काल बेहद संघर्ष भरा था। आज इनके प्रयासों की सराहना न सिर्फ मौरा में बल्कि सूबे के कई जिले में की जा रही है। बागवानी का प्रशिक्षण इन्होंने पश्चिम बंगाल से प्राप्त किया है। इनके समर्पण और कला के साथ साथ इस क्षेत्र में इनकी निपुणता को देखते हुए वर्ष 2014 में कृषि विज्ञान केन्द्र जमुई द्वारा सार्वजनिक मंच पर जिला प्रशासन ने सम्मानित भी किया था।
रोचक बात यह है कि श्री महादेव के इस नर्सरी में वे स्वयं ही विभिन्न प्रजातियों के पौधे तैयार करते हैं, इसको लेकर इनके पास एक रुपये से 5 हजार रुपये तक के पौधे उपलब्ध हैं। जिसमें विभिन्न किस्म के अमरूद, फल, फूल व छायादार पौधे आदि शामिल हैं। अपने लगनशीलता से अंतरप्रांतीय पुरस्कार तक पाने वाले महादेव मण्डल मेहनत की हरियाली बिखेर अपने गांव के साथ साथ स्वयं को भी समृद्ध बनाने का मार्ग प्रसस्त कर लिया है।
सक्षम व्यक्ति के सकारात्मक सोच में दूरदर्शिता का मिश्रण आम जन के लिए कितना फायदेमंद होता है , गिद्धौर के मौरा गांव में इसकी बानगी देखने को मिल रही है।
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पुरुस्कार के साथ पर्यावरण प्रेमी महादेव् मण्डल |
गिद्धौर से महज 7 किलोमीटर दक्षिण की दूरी पर अवस्थित मौरा गांव में महादेव मण्डल ने हॉर्टिकल्चर किसान नर्सरी की स्थापना 30 वर्ष पूर्व की थी।
बेहद कम साधन और संसाधनों के साथ पर्यावरण संरक्षण की ओर अपना कदम बढ़ाने के बाद आज महादेव मण्डल की मेहनत अपने गांव के साथ-साथ अंतरजिला में भी हरियाली बिखेर रही है।
आधुनिकरण को परिभाषित करते हुए 60 वर्षीय महादेव मण्डल बताते हैं कि स्थापना काल बेहद संघर्ष भरा था। आज इनके प्रयासों की सराहना न सिर्फ मौरा में बल्कि सूबे के कई जिले में की जा रही है। बागवानी का प्रशिक्षण इन्होंने पश्चिम बंगाल से प्राप्त किया है। इनके समर्पण और कला के साथ साथ इस क्षेत्र में इनकी निपुणता को देखते हुए वर्ष 2014 में कृषि विज्ञान केन्द्र जमुई द्वारा सार्वजनिक मंच पर जिला प्रशासन ने सम्मानित भी किया था।
रोचक बात यह है कि श्री महादेव के इस नर्सरी में वे स्वयं ही विभिन्न प्रजातियों के पौधे तैयार करते हैं, इसको लेकर इनके पास एक रुपये से 5 हजार रुपये तक के पौधे उपलब्ध हैं। जिसमें विभिन्न किस्म के अमरूद, फल, फूल व छायादार पौधे आदि शामिल हैं। अपने लगनशीलता से अंतरप्रांतीय पुरस्कार तक पाने वाले महादेव मण्डल मेहनत की हरियाली बिखेर अपने गांव के साथ साथ स्वयं को भी समृद्ध बनाने का मार्ग प्रसस्त कर लिया है।